क्या 2000 के नोट बदलने की बढ़ेगी मियाद, सरकार ने लोकसभा में दिया जवाब
नई दिल्ली: 2000 के नोट बदलने की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। मोदी सरकार ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही है। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने अपने लिखित जवाब में कहा कि 2000 के नोट बदलने की समय सीमा बढ़ाने का कोई मामला विचाराधीन नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि निकासी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अन्य मूल्य वर्ग के नोटों का भी बफर स्टॉक बनाए रखा गया है। करंसी की कोई कमी नहीं है।
फिर होगी नोटबंदी?
केंद्र सरकार ने सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को बंद करने से भी इनकार किया है। कालेधन और नकली करेंसी पर रोक लगाने के लिए क्या सरकार उच्च मूल्य वर्ग के नोटों पर भी अंकुश लगाने जा रही है? लोकसभा में पूछे गए इस सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने नकारात्मक जवाब दिया।
2000 के कितने नोट चलन में
केंद्र सरकार ने 2000 के नोटों की छपाई में लगने वाली लागत पर भी लोकसभा में जवाब दिया। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने आरबीआई की साल 2016-17 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि साल 2017 के अंत तक 2000 के नोटों के सुरक्षा मुद्रण पर कुल खर्च 7,965 करोड़ रुपये था। आरबीआई की इसी रिपोर्ट के अनुसार 2000 के नोटों के चलन में भी कमी आई है। जहां 31 मार्च 2018 तक 6.73 लाख करोड़ रुपये यानी 37.3 प्रतिशत नोट चलन में थे। वहीं इसी वर्ष 31 मार्च तक यह आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ यानी 10.8 प्रतिशत पर आ गया।