PCOD : पीसीओडी से बचने के लिए सबसे पहले जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाएं
PCOD : वर्तमान समय में महिलाओं में पीसीओडी की समस्या अधिक हो रही है। यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन एंड्रोजन का लेवल बढ़ जाता है या फिर ओवरीज में एक से ज्यादा सिस्ट हो जाती हैं। पीसीओडी के लक्षणों में माहवारी या पीरियड्स नहीं आना, दर्दभरा व लम्बा मासिक धर्म, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे, पेल्विक दर्द आदि शामिल हैं।
यह कई कारणों से होता है। जैसे अनियमित जीवनशैली, मोटापा, खान-पान में लापरवाही आदि। पीसीओडी का इलाज करने के लिए सबसे पहले जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने का सुझाव दिया जाता है। इस बीमारी की पहचान अल्ट्रासाउंड, रक्त परीक्षण आदि के माध्यम से की जाती है। इस समस्या से ग्रसित महिलाओं के लिए गर्भधारण एक चुनौती हो सकता है।
अनियमित मासिक धर्म होता है, जो गर्भधारण को मुश्किल बनाता
अनियमित मासिक धर्म होता है जो गर्भधारण को मुश्किल बनाता है। हालांकि, इस समस्या का समाधान भी उचित चिकित्सा इंटरवेंशन और लाइफस्टाइल बदलाव से हो सकता है। समय रहते महिलाएं अपने रोग की पहचान कर उपचार करवा सकती हैं। ताकि उनका भविष्य बेहतर हो सके। इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता भी जरूरी है।