लखीमपुर केसः क्यों न खत्म की जाए आशीष मिश्रा की जमानत? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा
नई दिल्ली. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केद्रीय मंत्री के बेटे की जमानत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर आरोपी की जमानत क्यों न खत्म कर दी जाए? इसके अलावा कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि इस मामले में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई होली की छुट्टी के बाद होगी। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट का आदेश गलत था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कोर्ट में सुनवाई से पहले गवाह पर जानलेवा हमला किया गया। बता दें कि इस मामले में चार किसानों और चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इसमें दो भाजपा कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार शामिल था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान ही आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई थी। इससे पहले जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच सौंपी थी, तब मिश्रा की गिरफ्तारी हुई थी। आरोप है कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया वह आशीष मिश्रा की ही गाड़ी थी।
कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई होली की छुट्टी के बाद होगी। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट का आदेश गलत था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कोर्ट में सुनवाई से पहले गवाह पर जानलेवा हमला किया गया। बता दें कि इस मामले में चार किसानों और चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इसमें दो भाजपा कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार शामिल था।
किसानों को परिवार ने आशीष मिश्रा की जमानत के खइलाफ 10 फरवरी को विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि यह भी संभव है कि प्रदर्शनकारियों को बचाने के लिए ड्राइवर ने गाड़ी तेज चलाई हो और यह हादसा हो गया हो। हालांकि मृतक किसानों के परिवार इस संभावना से इनकार कर रहे हैं।
इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। ऐसे में यह मामला हाइप्रोफाइल बन गया है।