बिहार में भी दिखेगा UP का असर, नीतीश और RJD की कमजोर होगी यह मांग
उत्तर प्रदेश समेत 4 राज्यों में बड़ी जीत से उत्साहित भाजपा ने चुनावों के अगले राउंड की अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा ने इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले चुनावों की तैयारी तेज कर दी है। इसके अलावा अगले वर्ष की शुरुआत में कर्नाटक में भी चुनाव होने हैं और वहां भी पार्टी की ओर से अभियान शुरू है। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे थे और इस दौरान होम मिनिस्टर अमित शाह एवं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। माना जाता है कि इस बैठक में ठाकुर ने दोनों नेताओं को बताया कि राज्य में क्या तैयारियां हैं और कैसे कांग्रेस एवं आप की चुनौती का सामना किया जा सकता है। खासतौर पर यूपी के पड़ोसी राज्य बिहार में भाजपा को बड़ा फायदा मिलेगा, जहां जातीय जनगणना की मांग कर दूसरे दल उसे घेरने का प्रयास करते रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए एक बड़ी परीक्षा नगर निगम के चुनाव भी होंगे, जो मई या जून में होने वाले हैं। दरअसल पंजाब में बंपर जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी ने अब हिमाचल में अपने पैर पसारने का ऐलान कर दिया है। नवंबर में हुए उपचुनावों में भाजपा को एक विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद गहरा मंथन हुआ था और सरकार ने आनन-फानन में कई फैसले लिए थे। हालांकि पार्टी एवं सरकार में किसी भी स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया गया था।
गुजरात में रोड शो कर PM मोदी ने शुरू किया अभियान
गुजरात की बात करें तो 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के अगले ही दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में 9 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था। माना जा रहा है कि इस तरह से भाजपा ने चुनाव की औपचारिक शुरुआत कर दी है। अगले कुछ दिनों में कई केंद्रीय मंत्री भी गुजरात जाकर चुनावी तैयारियों का जायजा लेने वाले हैं। अब कर्नाटक की बात करें तो भाजपा को विधानसभा के उपचुनावों में झटका लगा था, लेकिन कुछ राज्यों में जीत के बाद से वह उत्साहित है। सीएम बदलने से लेकर सरकार में कई बदलाव करने वाली भाजपा को बसवराज बोम्मई की लीडरशिप में सत्ता में लौटने की उम्मीद है।
बिहार में भी मिलेगी अब भाजपा को मजबूती
चुनाव नतीजों के चलते भाजपा बिहार जैसे राज्य में भी मजबूत हुई है, जहां नीतीश कुमार, आरजेडी जैसे दल लगातार जातिगत जनगणना की मांग करते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी विपक्षी दलों ने जातीय जनगणना को मुद्दा बनाया था, लेकिन सपा की करारी हार के बाद यह मुद्दा कमजोर पड़ता दिख रहा है। इस बीच भाजपा बिहार में अपने सहयोगी दल वीआईपी के नेता मुकेश सहनी के खिलाफ कुछ ऐक्शन ले सकती है, जो लगातार पार्टी के खिलाफ मुखर हैं।