नतीजों से पहले JDS की शरण में कांग्रेस और भाजपा? पार्टी बोली- फैसला हो चुका है
बेंगलुरु. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में कुछ ही घंटे बाकी हैं। ऐसे में राज्य की दो प्रमुख पार्टियों ने एक तीसरी पार्टी के साथ बातचीत का रास्ता खोल दिया है। दरअसल ज्यादातर एक्जिट पोल में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ी टक्कर का अनुमान जताया गया है। एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर दोनों दलों के नेताओं की धड़कने तेज गई हैं। वहीं तीसरी पार्टी जनता दल (सेक्युलर) त्रिशंकु जनादेश की उम्मीद कर रही है ताकि वह सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सके।
एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर (JDS) ने गुरुवार को दावा किया कि उसे कांग्रेस और भाजपा दोनों से (समर्थन मांगने के) संकेत मिले हैं। बता दें कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी स्वास्थ्य जांच के लिए बृहस्पतिवार को सिंगापुर के लिए रवाना हुए। जनता दल (एस) के वरिष्ठ नेता को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान थकान और कमजोरी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच JDS के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह तय हो गया कि वे (कुमारस्वामी) किसके साथ साझेदारी करेंगे।
जद (एस) के वरिष्ठ नेता तनवीर अहमद ने एक इंटरव्यू में एनडीटीवी को बताया, “फैसला हो गया है। सब तय हो गया है। जब सही समय आएगा तो हम जनता के लिए इसकी घोषणा करेंगे।” इस बीच भाजपा ने इनकार किया है कि उसने जद (एस) से संपर्क किया था। सत्ताधारी पार्टी ने स्पष्ट जनादेश के बारे में फिर से अपना विश्वास व्यक्त किया है।
‘ऑपरेशन लोटस’ की सुगबुगाहट
भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक में ‘ऑपरेशन लोटस’ की संभावना से इनकार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 120 से 125 सीटें मिलेंगी और वह पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी। ‘ऑपरेशन लोटस’ शब्द, राज्य के विपक्षी कांग्रेस और जनता दल (एस) द्वारा कुछ साल पहले गढ़ा गया था। विपक्ष के अनुसार, अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रहने पर भाजपा यह ऑपरेशन चलाती है और कथित रूप से “विपक्षी दलों के विधायकों को लालच देकर अपने पाले में लेती है तथा सरकार बनाने का प्रयास करती है।
जद (एस) आज इस स्थिति में है कि…
हालांकि जहां भाजपा ने JDS से संपर्क किए जानी खबरों को खारिज कर दिया है वहीं JDS नेता ने दावा किया है कि भगवा पार्टी सरकार बनाने के लिए उनके पास पहुंच रही है। तनवीर अहमद ने कहा, “हां, दोनों (भाजपा और कांग्रेस) ने हमसे संपर्क करने की कोशिश की है… जद (एस) आज इस स्थिति में है कि पार्टियां आज हमसे संपर्क करना चाहेंगी।”
उन्होंने कहा, “कर्नाटक के लोग चाहते हैं कि हम राज्य की बेहतरी के लिए दोनों राष्ट्रीय दलों पर नजर रखें। और मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई कारण है कि क्षेत्रीय दल कर्नाटक के विकास के लिए काम नहीं करना चाहेंगे।” यह पूछे जाने पर कि वे किस पार्टी के साथ जाएंगे, उन्होंने कहा, “जो लोग कर्नाटक और कन्नडिगाओं की भलाई के लिए काम करेंगे उनके साथ जाएंगे।”
यह पूछे जाने पर कि पार्टी कितनी सीटों पर जीतेगी, अहमद ने कहा, “हमारे बिना कोई भी सरकार नहीं बना सकता है। मुझे लगता है कि यह एक अच्छी संख्या है। हम पैसे, ताकत, बाहुबल के मामले में राष्ट्रीय दलों के संसाधनों का मुकाबला नहीं कर सके। हम एक कमजोर पार्टी थे। लेकिन हम जानते हैं कि सरकार का हिस्सा बनने के लिए हमने काफी प्रदर्शन किया है।”
‘किंग’ या ‘किंगमेकर’ बन सकती है JDS
गौरतलब है कि मतदान बाद आए अधिकांश सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ भाजपा पर कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई है और राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना जताई गई है। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतों की गिनती 13 मई को होगी। राजनीतिक नेताओं को कई सप्ताह के प्रचार और बुधवार को हुए मतदान के बाद आखिरकार बृहस्पतिवार को कुछ आराम करने का मौका मिला।
दोनों राष्ट्रीय दलों के सूत्रों ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के आसानी से जीतने का भरोसा है, लेकिन एग्जिट पोल ने निश्चित रूप से उन्हें एक हद तक चिंतित कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोई नहीं चाहता कि इस बार भी 2018 जैसी स्थिति सामने आए। त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में जद (एस) महत्वपूर्ण कारक होगा और 2018 की तरह वह ‘किंग’ या ‘किंगमेकर’ के रूप में उभर सकता है।