क्या BJP को दोबारा मिलेगी सत्ता, या जनता थामेगी कांग्रेस का ‘हाथ’?
नई दिल्ली: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) को लेकर सभी राजनीतिक दलों की नजरें राज्य में सर्वाधिक संख्या में मौजूद लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय पर टिकी हुई हैं. राज्य में दोनों ही समुदायों की आबादी 34 फीसदी के करीब है, जो आधी से अधिक सीटों पर असर डालती है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर NDTV ने लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) के साथ मिलकर सर्वे किया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि चुनाव में कौन सा समुदाय किस पार्टी के साथ है.
NDTV-CSDS सर्वे का यह दूसरा भाग है. पहले भाग के नतीजे 1 मई 2023 को प्रकाशित किए गए थे. NDTV-CSDS ने 20 से 28 अप्रैल के बीच कर्नाटक चुनाव को लेकर सर्वे किया था. वोटिंग 10 मई को है और इसके नतीजे 13 मई को आएंगे. पढ़ें सर्वे के चौंकाने वाले नतीजे:-
67 फीसदी लिंगायत बीजेपी को देंगे वोट
सामाजिक समीकरणों की बात करें, तो कर्नाटक में लिंगायत करीब 18 फीसदी, वोक्कालिगा 16 फीसदी, दलित लगभग 23 फीसदी, आदिवासी समाज करीब 7 फीसदी और मुस्लिम 12 फीसदी है. इसके अलावा कुर्वा करीब 4 फीसदी है. कर्नाटक की सियासत इन्हीं समीकरणों पर चलती है. NDTV-CSDS सर्वे के मुताबिक, लिंगायत समुदाय इस बार भी बीजेपी पर भरोसा जता रहा है. सर्वे में शामिल लिंगायत समुदाय के 67 फीसदी लोगों ने बीजेपी के लिए वोट करने की इच्छा जाहिर की. जबकि वोक्कालिगा समुदाय कांग्रेस और जेडीएस के बीच बंटा हुआ है. सर्वे में शामिल कुल 34 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के लिए वोट करने की इच्छा जताई, जबकि 36 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनका वोट जेडीएस को जाएगा. वहीं, सर्वे में शामिल कुल 59 फीसदी मुस्लिम लोगों ने कांग्रेस के लिए वोट करने की बात कही है.