अडानी ग्रुप और उसके निवेशकों के लिए राहत भरे इन 7 दिनों ने भरी जेब, अडानी एंटरप्राइजेज 66 फीसद उछला
अडानी ग्रुप के शेयरों ने पिछले सात दिन में जो रफ्तार पकड़ी है, उससे न केवल शेयर होल्डर्स ने राहत की सांस ली है, बल्कि ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति में लगातार आने वाली गिरावट भी थमी है। इतना ही नहीं, मुश्किल दौर में अडानी के शेयर खरीदने वालों की जेब भी इन 7 दिनों में भर गई है। पिछले सात दिनों में अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 66 फीसद से अधिक उछले हैं।
अडानी एनर्जी ने भी करीब 30 फीसद की उड़ान भरी है। अडानी विल्मर जहां 27.61 फीसद उछला है, वहीं अडानी पावर 27.58 फीसद। अडानी पोर्ट में यह बढ़त करीब 23 फीसद की रही। लगे हाथ अंबुजा सीमेंट ने करीब 17 और अडानी ट्रंसमिशन ने 15.46 फीसद की बढ़त हासिल की। अडानी गैस में इस अवधि में 14.85 फीसद की उछाल रही।
अडानी ग्रुप और उसके निवेशकों के लिए ये 7 दिन राहत भरे रहे। अडानी एंटरप्राइजेज अब 1982.90 रुपये पर है। अडानी ग्रीन 589.80 रुपये और अडानी विल्मर 439.65 रुपये पर पहुंच गया है। अडानी पावर 177.75 रुपये और अडानी पोर्ट भी रिकवर होकर 690.75 रुपये पर पहुंच गया है। अंबुजा सीमेंट 385.50 रुपये और अडनी ट्रांसमिशन 781.35 रुपये पर है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सबसे अधिक नुकसान कराने वाला अडनी गैस भी अब 820.35 रुपये पर पहुंच गया है।
52 हफ्ते का हाई और लो
अडानी एंटर प्राइजेज का 52 हफ्ते का हाई 4190 रुपये और लो 1017.45 रुपये है। अडानी ग्रीन का 52 हफ्ते का हाई 3050 और लो 439.10 रुपये है।पिछले 52 हफ्ते में अडानी विल्मर 878 रुपये के हाई से 327.25 रुपये तक लुढ़क गया था। अडानी पावर 432.50 का हाई देखने के बाद 115.35 रुपये तक गिरा था। पिछले 52 हफ्ते में अडानी पोर्ट 987.85 रुपये से 395.10 रुपये और अडानी ट्रांसमिशन 4236.75 रुपये से 631.50 रुपये पर आ गया था। इसी तरह हिंडनबर्ग की काली छाया में अडानी गैस भी फुस्स हो गया। यह 52 हफ्ते के हाई 4000 रुपये से 650 के लो पर आ गया।
क्यों हो रही रिकवरी
अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच समिति बनाने, रेटिंग एजेंसियों द्वारा अडानी ग्रुप की कंपनियों की रेटिंग में सुधार, डीबी पावर से डील रद्द होने और एनआरआई इंवेस्टर्स का अडानी ग्रुप पर दिखाया गया भरोसा भी अडानी ग्रुप की कंपनियों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। बता दें एनआरआई राजीव जैन की मालिकाना हक वाली कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप की 4 लिस्टेड कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के इस निवेश के अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयर उड़ान भरने लगे।