जानिए आगरा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
आगरा का नाम सुनते ही लोग ताजमहल को याद करने लगते हैं। शाहजहां और मुमताज महल के असीम प्रेम के प्रतीक के रूप में मौजूद यह स्मारक दुनिया के सात अजूबों में गिना जाता है। यही कारण है कि शहर में सिर्फ भारत के विभिन्न राज्यों से ही लोग घूमने के लिए नहीं आते हैं, बल्कि दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां शिरकत करते हैं। हालांकि, आगरा में सिर्फ ताजमहल ही मौजूद नहीं है।
आगरा भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है। कभी मुगल साम्राज्य का हिस्सा आज यह शहर अपने समृद्ध इतिहास और आगरा के किले, फतेहपुर सीकरी और मेहताब बाग जैसे शानदार स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। इतना ही नहीं, यह अपने जूतों, कालीनों और व्यंजनों के लिए भी जाना जाता है।
इसके अलावा भी इस शहर से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जो बेहद दिलचस्प हैं। लेकिन बहुत से लोग इनके बारे में नहीं जानते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको आगरा से जुड़ी कुछ बेहद ही इंटरस्टिंग बातों के बारे में बता रहे हैं-
आगरा मुगल साम्राज्य की राजधानी थी
1556 से 1648 तक, आगरा अकबर और शाहजहां की समय के दौरान मुगल साम्राज्य की राजधानी थी। उस समय आगरा एक बेहद ही महत्वपूर्ण शहर था। 1648 में शाहजहां का शासन खत्म होने के बाद छठे मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने राजधानी को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया।
आगरा का लाल किला यूनेस्को साइट है
अगर आपने आगरा के ताजमहल को देखा है तो यकीनन आपने आगरा के लाल किला को भी अवश्य देखा होगा। यह लाल किला ताजमहल के बगीचों के पास स्थित है। 16वीं शताब्दी का यह मुगल स्मारक 1983 ई में यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण किलों में से एक माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि शाहजहां आगरा के इस किले पर चढ़कर यहीं से ताजमहल को निहारा करते थे।
आगरा भारत का मुख्य फुटवियर प्रोडक्शन सेंटर है
आपको शायद पता ना हो, लेकिन आगरा(आगरा में हैं शाहजहां की ये खूबसूरत इमारतें)शहर भारत का सबसे बड़ा शू मैन्युफैक्चरर है। यह कुल घरेलू मांग का लगभग 65 प्रतिशत और भारत के कुल फुटवियर एक्सपोर्ट में 28 प्रतिशत का योगदान देता है। यह शहर चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फुटवियर एक्सपोर्टर है।
यही कारण है कि जब भी टूरिस्ट यहां आते हैं और शॉपिंग करते हैं तो यहां पर लेदर फुटवियर जरूर खरीदते हैं।
भारत के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक आगरा में है
ब्रिटिश युग के दौरान 1850 में स्थापित, सेंट जॉन्स कॉलेज एक ईसाई कॉलेज है। यह भारत के सबसे पुराने एजुकेशन इंस्टिट्यूशन में से एक है। 172 साल पुराने इस कॉलेज का नाम यीशु के बारह ईसाई धर्म प्रचारकों में से एक जॉन द एपोस्टल के नाम पर रखा गया है।
आगरा में यमुना नदी को नीली नदी कहा जाता था
यमुना नदी में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए इस समय बहुत अधिक प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस प्रदूषित यमुना नदी को कभी इसके स्वच्छ जल के कारण नीली नदी कहा जाता था। जी हां, यहां का पानी इतना साफ और ट्रांसपेरेंट था कि नदी के तल को नग्न आंखों से भी देखा जा सकता था।
आज, यह देश की सबसे दूषित नदियों में से एक बन गई है। अगर इसकी ओरिजिनल ब्यूटी ऐसे ही बरकरार होती, तो ताजमहल के साथ-साथ इस नदी को भी लोग एक अजूबे के रूप में ही देखते।
तो अब आप भी एक बार आगरा जरूर घूमने जाएं और अपने एक्सपीरियंस हमारे साथ अवश्य शेयर करें।