बूढ़ी महिला को दुखी देख लिया IAS बनने का फैसला, 6 में से 5 बार क्रैक कर डाली UPSC परीक्षा

नई दिल्ली. 9वीं क्लास में था। घर के सामने दोस्तों के साथ खेल रहा था। तभी वहां एक बेहद बूढ़ी महिला आई। चेहरे पर झुर्रियां थीं। उम्र करीब 75 साल रही होगी। उनके हाथ में एक थैला था जिसमें सब्जियां भरी हुईं थीं। उन्होंने कहा कि वो ये सब मेरे पिता के लिए लेकर आई हैं। मेरे पिता उस समय डिस्ट्रिक्ट जज थे। मैंने उनसे कहा कि मेरे पिता गिफ्ट वगैरह नहीं लेते हैं। परेशानी पूछने पर उन्होंने  बताया कि उनकी जमीन पर कुछ लोग कब्जा करना चाह रहे हैं। केस चल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पास कोई फाइनेंशियल और लीगल बैकग्राउंड नहीं है। पति और बेटा भी नहीं था। लेकिन उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा था। मेरे पिता के फैसला देना रोज का काम था लेकिन उस वृद्ध महिला के लिए यह जिंदगी बदलने वाला फैसला था। तब मैंने सोचा मैं भले ही किसी ऊंचे पैकेज वाली जॉब पर अमेरिका चला जाऊं, लैंबोर्गिनी ले लूं, लेकिन काम में संतुष्टि कैसे हासिल होगी। सोचा कि कुछ ऐसा करूं कि जिससे इन लोगों व समाज के जीवन में बदलाव आए। तब मैंने सिविल सर्विसेज में जाने की ठानी। यह कहानी है यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 97वीं रैंक लाकर आईएएस अफसर बनने वाले शुभम भाईसारे की। 

यूपीएससी हो या गेट ( GATE ) हर एग्जाम में महाराष्ट्र के शुभम भाईसारे ने शानदार प्रदर्शन किया। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अलावा उन्होंने यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विसेज, फॉरेस्ट सर्विसेज जैसे एग्जाम भी क्रैक किए।  महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाके गढ़चिरौली के अरमोरी तहसील में जन्मे शुभम की स्कूलिंग कई विद्यालयों से हुई क्योंकि उनके पिता डिस्ट्रिट जज थे और उनका ट्रांसफर होता रहता था। मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने यूपीएससी के इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम की तैयारी की और पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली। 

एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘2017 में मैंने इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम पास किया और 2018 बैच का आईईएस ऑफिसर बन गया। इसके बाद गेट में मेरी 57वीं रैंक आई। मुझे आईआईएससी, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली में एडमिशन मिल रहा था। एनएचएआई, पावर ग्रिड, आईओसीएल, एचपीसीएल और एनबीसीसी जैसी पीएसयू में जॉब का मौका था। मैंने सीपीडब्ल्यूडी, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में दो साल काम किया। इस दौरान मैंने जॉब के साथ साथ तैयारी करते हुए 2019 का यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम दिया। मेरा एग्जाम क्लियर हुआ और मुझे आईआरटीएस ( IRTS) मिला।  लेकिन मेरा सपना आईएएस अफसर ( IAS Officer ) बनने का था।’ 

जॉब के साथ कैसे की तैयारी
फुल टाइम जॉब के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करना बहुत मुश्किल काम था। शुभम जब ऑफिस जाते थे तो रास्ते में न्यूज पेपर पढ़ लिया करते थे। घर पहुंचने के तुरंत बाद ही पढ़ाई करने लग जाते थे। कम सोते थे। उन्होंने ऑफिस की छुट्टियों का पूरा हिसाब बनाया और उन्हें अपनी तैयारी में इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई। वह 6-8 महीने में एक बार ही अपने माता-पिता से मिलने अपने घर जा पाते थे। एंटरटेनमेंट और सोशल एक्टिविटी से उन्होंने दूरी बना ली। कोई त्योहार या पारिवारिक समारोह, यहां तक कि अपने सबसे अच्छे दोस्त की शादी में भी शामिल नहीं हुए। सोशल मीडिया से भी पूरी तरह दूर रहे। भटकाने वाली ऐप को अनइंस्टॉल कर दिया। 

छह में से पांच बार यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया (UPSC CSE चार में से तीन बार)
शुभम ने छह में से पांच बार यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया। एक बार वह सिर्फ एक नंबर से रह गए। 
– 2017 में उन्होंने यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम पास किया।
– 2019 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। IRTS मिला।
– 2020 में फिर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। 727वीं रैंक आई।
– 2020 में ही यूपीएससी वन सेवा परीक्षा भी पास की। 63वीं रैंक आई। तेलंगाना कैडर मिला।
– यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 97वीं रैंक। IAS मिला। 

अभ्यर्थियों को दिए ये टिप्स
– यूपीएससी की तैयारी का कोई शॉर्टकट नहीं, लगे रहें। कड़ी मेहनत लगन के साथ करते रहें। 
– समर्पित रहें और ईमानदारी से पढ़ाई करें। 
– अपना करियर का बैकअप भी रखें।
–  सफर थोड़ा लंबा हो सकता है लेकिन लक्ष्य से ध्यान नहीं हटना चाहिए।

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