संत मावजी महाराज के चोपड़ों में रचित चित्रों की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केन्द्र

उदयपुर. राजस्थान में उदयपुर के शिल्पग्राम में चल रहे दस दिवसीय मेले में वागड़ अंचल में जनजाति के आस्थाधाम बेणेश्वर के संत मावजी महाराज के चोपड़ों में रचित चित्रों की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की निदेशक के तत्वावधान में आयोजित इस प्रदर्शनी का शुभारंभ राज्यपाल कलराज मिश्र के हाथों किया गया था।
केन्द्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि संगम सभागार में संत मावजी के दो चौपड़ों के 300 साल पुराने करीब 100 चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी में डंूगरपुर जिले के साबला और उदयपुर जिले के शेषपुर में संग्रहित संत मावजी के चोपड़ों के चित्रों के फोटोग्राफ्स को मेलार्थियों के अवलोकन के लिए सजाया गया है।
उन्होंने बताया कि सभागार में आकर्षक ढंग से सजाएं गए इन चित्रों को देखने और इनके बारे में जानकारी लेने के लिए यहां आने वाले मेलार्थी एवं चित्रकार पहुंच रहे हैं। गुप्ता ने बताया कि बेणेश्वर धाम से जुड़ी कलाकृतियों के डिजिटलाइजेशन कार्य के बाद अब देश के ख्यात चित्रकारों के माध्यम से इनकी (रेप्लिका) प्रतिकृतियां तैयार करवाई जाएगी।
चौपड़ों के डिजिटलाइजेशन कार्य के समन्वयक एवं उदयपुर के सूचना एवं जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि केन्द्र की पहल के कारण पहली बार आमजन संत मावजी रचित चित्रों को आसानी से देख पा रहे हैं और इनके वैशिष्ट्य से रूबरू हो पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा गत दिनों हरि मंदिर साबला एवं शेषपुर मंदिर स्थित चोपड़े की फोटोग्राफी करवाई गई थी। केन्द्र द्वारा मूल चौपड़े के साथ ही करीब दस फीट कपड़े पर चित्रित कलाकृति की भी फोटोग्राफी करवाई गई। इन फोटॉग्राफ्स से प्रदर्शनी के लिए सॉफ्ट व हार्ड कॉपी तैयार की गई थी। इसके साथ ही एक डिजिटल बुक भी तैयार कर ऑनलाइन उपलब्ध कराने की योजना है।

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