‘आप’ के झाड़ू में फंसी कांग्रेस के हाथ आयी 17 सीट

गुजरात में 27 साल से भाजपा का गढ़ है, लेकिन इस बार की जीत अलग है. इस चुनाव ने गुजरात को भाजपा का ऐसा किला बना दिया, जिसे भेद पाना बाकी दलों के लिए बेहद मुश्किल होगा. यहां दो रिकॉर्ड भी बने. पहला गुजरात के चुनावी इतिहास में किसी भी पार्टी की सबसे बड़ी जीत का, तो दूसरा कांग्रेस के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन का. पिछले 42 सालों में भाजपा गुजरात में नौ से 156 सीटों पर अपनी पैठ बना चुकी है. 1980 में भाजपा को नौ सीटों पर जीत मिली थी. 1985 में भाजपा को गुजरात विधानसभा चुनाव में 11 सीटें मिली थी, वहीं कांग्रेस को 149 सीटें मिली थी. तब कांग्रेस को 55.5 फीसदी वोट मिले थे. इस बार भाजपा का वोट शेयर 54 फीसदी से ज्यादा है. यानी भाजपा ने अपने वजूद में आने के बाद गुजरात में 42 साल के दौरान सबसे ज्यादा वोट हासिल करने का रिकॉर्ड बना लिया है.

कांग्रेस को 32 साल में सबसे कम वोट मिले हैं. 1990 में जब भाजपा राम मंदिर आंदोलन चला रही थी, तब गुजरात में हुए चुनाव में कांग्रेस को 31 फीसदी वोट मिले थे. इस बार उसे 1990 से भी कम यानी करीब 27 फीसदी वोट मिल रहे हैं. उसे 60 सीटों का नुकसान हुआ है. आम आदमी पार्टी द्वारा 182 में से 181 सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने से सवाल उठा कि ‘आप’ भाजपा की सीटें घटाएगी या कांग्रेस को कमजोर करेगी. मुकाबला त्रिकोणीय रहा. कई सीटों पर तो ‘आप’ उम्मीदवारों को कांग्रेस प्रत्याशियों से भी अधिक वोट मिले. राज्य में मतदान के आंकड़ों ने चुनाव को और दिलचस्प बना दिया. पहले चरण में 89 सीटों पर 15 साल में सबसे कम मतदान हुआ. अब दूसरे चरण पर आते हैं. इसमें भी 93 सीटों पर 2017 की तुलना में पांच फीसदी कम मतदान हुआ.

आप ने दो-दो सीटें भाजपा-कांग्रेस से छीनीं

गुजरात में चुनाव आम आदमी पार्टी (आप) ने 12.9 प्रतिशत वोट हासिल करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है. उसने कुल पांच सीटें अपने नाम की है. इनमें से दो सीट (बोटाड़, गडि़याधर ) को बीजेपी से छीन लिया है. इन दोनों सीट पर बीजेपी पिछले दो चुनाव जीती थी. वहीं आप ने दो सीटें (विसवादर, जमजोधपुर) कांग्रेस से छीन ली है. जहां पिछले चुनाव में कांग्रेस विजयी रही थी. वहीं एसटी आरक्षित देदियापाड़ा सीट को उसने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) से छीनी है.

पिछली बार की 77 सीटों में से 11 ही बचा पायी कांग्रेस

वर्ष 2017 में 77 सीटें जीत कर अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस इस बार उन सीटों में से 11 सीटें ही बचा पायी. इनमें से आठ सीटें (आंकलाव, धानीलिमड़ा, दांता, धानेरा, खेडब्रह्मा, मनवादर, सोमनाथ और वांसदा) ऐसी हैं, जो लगातार तीसरी बार उसके खाते में आयी है, जबकि पिछले चुनाव में हासिल तीन सीटों (वाव, पाटन, जमालपुर-खाडिया) को अपने पास बनाये रखा है. वहीं कांग्रेस ने भाजपा की इस आंधी में उससे पांच सीटें छीनी हैं, जिनमें तीन सीटें (चाणस्मा, पोरबंदर, खंभात) वैसी हैं, जहां वह पिछले दो चुनाव से काबिज थी. वहीं, पिछले चुनाव में कांग्रेस से भाजपा के पास जाने वाली दो सीटों-विजापुर, कांकरेज को उसने वापस ले लिया है.

चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं, हम विचार पर देते हैं बल : मोदी

गुजरात में रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान जहां उन्होंने गुजरात के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं को भी धन्यवाद दिया, वहीं अपने आलोचकों पर भी निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने एक कहावत कही है, आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया. अगर यह हिसाब रहेगा, तो क्या स्थिति होगी, यह हम अपने आस-पास के देशों में देख रहे हैं. देश के हर राजनीतिक दल को यह याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि हम विचार पर भी बल देते हैं और व्यवस्था को भी सबल बनाते रहते हैं.

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