मोरबी ब्रिज हादसे में झाड़ी पकड़ कर बचाई जान, घायल व्यक्ति ने सुनाई आपबीती

गांधीनगर.गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज टूटने से पूरे देश में शोक की लहर है। मच्छु नदी पर बने पुल के टूटने से अब तक 132 लोगों की जान जा चुकी है। सभी घायलों को GMERS जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। न्यूज एजेंसी एएनआई को एक घायल व्यक्ति (अश्विन मेहरा) ने बताया कि उसने अपनी जान कैसे बचाई। अश्विन ने बताया कि यह घटना साढ़े 6 बजे शाम की है। पुल के बीच में खड़े होकर 20-25 लड़के पुल को हिला रहे थे। अचानक पुल टूट गया। सभी लोग नीचे गिर गए। घायल व्यक्ति ने बताया कि नीचे गिरने के बाद मैंने एक झाड़ी पकड़ ली। झाड़ी के सहारे मैं धीरे-धीरे नदी से बाहर निकल गया। अश्विन ने बताया कि मेरे साथ मेरा एक दोस्त भी था, उसकी भी जान बच गई।

अश्विन ने कहा कि गिरने के बाद ऐसा लगा कि मानो मौत मेरे सामने है। सभी लोग पानी में गिर गए थे। उन्होंने कहा कि ऊपर वाले की दया से मेरी जान बच गई। उन्होंने बताया कि कई लोगों ने अपनी जान झाड़ी पकड़ कर बचाई। घायल व्यक्ति को पैर में गंभीर चोट लग गई है। उनका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है।

बता दें कि केबल ब्रिज ढहने के बाद 132 लोगों की मौत हो गई। वहीं 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। सभी घायलों को GMERS जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया पहुंचे हैं। सोमवार को उन्होंने ‘लौह पुरुष’ को पुष्पांजलि दी। साथ ही वह संबोधन के दौरान मोरबी पुल हादसे को लेकर भावुक हो गए। उन्होंने घटना पर दुख जाहिर किया और बचाव कार्य और सरकार के प्रयासों की भी जानकारी दी।गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवार के लिए 4-4 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। यह पुल करीब 100 साल पुराना बताया जा रहा है और कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत कराई गई थी। मरम्मत के बाद 5 दिन पहले ही इसे आम जनता के लिए फिर से खोला गया था।

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