छत्तीसगढ़ में दुर्घटना मृत्युदर देश में सबसे ज्यादा, 41% मरने वाले 30 साल से कम के

देश में सबसे ज्यादा आकस्मिक मौतें छत्तीसगढ़ में हो रही है। एक लाख की जनसंख्या पर देश में आकस्मिक मौतों का राष्ट्रीय औसत 29.1 है जबकि छत्तीसगढ़ में यह 59.2 है। डेथ रेट के मामले में छत्तीसगढ़ के बाद पुदुच्चेरी, अंडमान एवं निकाेबार, हरियाणा, लद्दाख, मप्र, महाराष्ट्र, ओडिशा, हिमाचल और केरल हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में एक्सीडेंटल डेथ के मामलों में से 41% 30 साल से कम उम्र के युवा हैं। लड़कियों से तीन गुना ज्यादा मौतें लड़कों की हुई हैं। बता दें कि राज्य में पिछले साल 17,525 मौतें हुईं थीं। इसमें से 7164 तीस साल से कम उम्र के थे, जिसमें 5288 लड़के और 1858 लड़कियां थीं। एक्सीडेंटल डेथ के तहत प्राकृतिक आपदा भूकंप, बाढ़, लाइटनिंग आदि के साथ ही दूसरे अन्य कारणों को भी शामिल किया गया है।

पिछले साल के मुकाबले 12.6 फीसदी की कमी

पिछले साल के मुकाबले राज्य में आकस्मिक मौतों के प्रतिशत में 12.6 प्रतिशत की कमी आई है। सबसे अधिक कमी दिल्ली में 22.6 प्रतिशत दर्ज की गई। दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है। तीसरे नंबर पर असम 7.9 प्रतिशत की कमी आई है। मौतों के मामले देश में सर्वाधिक तमिलनाडु 53.8 प्रतिशत बढ़े हैं। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है, यहां मौत के आंकड़ों में 15.2 की वृद्धि हुई है।

प्रदेश में 3 साल में घटे अपराध, अन्य राज्यों में ज्यादा क्राइम

छत्तीसगढ़ में एक भी बाल मजदूर नहीं है। पिछले तीन साल में किडनी-लीवर जैसे किसी भी महत्वपूर्ण अंगों की तस्करी की एक भी घटना सामने नहीं आई है। देश के दूसरे राज्यों में स्थिति उलट है। वहां अंगों की तस्करी बढ़ी है।

इसमें तेलंगाना सबसे आगे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार पड़ोसी राज्यों मप्र, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र की तुलना में छत्तीसगढ़ में दूसरे अपराध भी कम हुए हैं। एनसीआरबी ने सोमवार को देश के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित राज्यों में पिछले साल की आपराधिक घटनाओं के आंकड़े जारी किए हैं।

इसमें छत्तीसगढ़ की स्थिति में काफी सुधार बताया गया है। 2018 में दुष्कर्म के मामलों में छत्तीसगढ़ देश में 5वें नंबर का राज्य था। अब 11वें नंबर पर अा गया है, अर्थात दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आई है। इसी तरह, अपहरण के मामलों में तीन साल पहले 11वें स्थान की तुलना में छत्तीसगढ़ इस बार 12वें स्थान पर है।

डकैती के मामले में छत्तीसगढ़ 12वें से 16वें स्थान पर आ गया है। यही नहीं, दूसरी वारदातों में भी कमी है। केवल नाबालिगों के साथ यौन अपराध बढ़े हैं। इनमें बिहार देश में पहले नंबर पर है। छत्तीसगढ़ उसके बाद है।

सख्ती बड़ी वजह
छत्तीसगढ़ में सख्त पुलिस की वजह से घटनाओं में कमी आई है। 2018 की तुलना में 2021 में अपराध का ग्राफ गिरा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राज्य के विकास, विश्वास और सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए है।

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