जान जोखिम में डालकर बच्चों को स्कूल भेज रहे पेरेंट्स
मुंबई. महाराष्ट्र के नासिक जिले में दमन नदी पर पुल न बने होने के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देवलचा पाड़ा गांव के स्कूल शुक्ल विद्यालय तक पहुंचने के लिए छात्रों को या नदी तैरकर पार करनी पड़ती है या फिर छोटे बच्चे कंधों पर सवार होकर जाते हैं।
एक स्थानीय शख्स ने बताया, ’15-20 बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें स्कूल जाने के लिए तैरकर नदी पार करनी पड़ती है। नदी गहरी है, इसलिए हम छोटे बच्चों को अपने कंधों पर बैठाकर या बड़े कंटेनर्स के जरिए लेकर जाते हैं। हम प्रशासन से यहां पर पुल बनाने की गुहार लगा रहे हैं।’
गांव के निवासी लक्ष्मण ने बताया, ‘गांव के बच्चों को रोज तैरकर नदी पार करनी होती है। बरसात के दिनों में भी बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करके स्कूल जाते हैं। बच्चों की जान दांव पर लगाकर लोग उन्हें स्कूल भेज रहे हैं।’
डर से बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे कई पेरेंट्स
बहुत से माता-पिता अपने बच्चे को कंधे पर बैठाकर प्रतिदिन नदी पार कराते हैं। कई पेरेंट्स ऐसे भी हैं जो इस डर से बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं। बारिश के दिनों में उस वक्त समस्या और भी गंभीर हो जाती है जब सुकी नदी का पानी इसमें छोड़ा जाता है। इससे नदी में बाढ़ आ जाती है। ऐसे में महीनों तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, जिससे उनकी पढ़ाई काफी प्रभावित होती है।
एक दूसरे स्थानीय नागरिक ने बताया कि हम लोग सालों से इसी तरह का जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां पर न तो कोई सड़क है और न ही पुल। इस वजह से बच्चों का स्कूल जाने बहुत मुश्किल हो जाता है। गांव के लोग बताते हैं कि हर एक चुनाव में प्रत्याशी यहां पर आते हैं। हम लोग उनसे नदी पर पुल बनाने की मांग रखते हैं। सांसदों, विधायकों, जिला अध्यक्षों से लेकर पंचायत समिति के सदस्यों तक से पुल बनाने की मांग रखी गई है।
गांव के लोगों ने नहीं छोड़ी उम्मीद
गांव के लोग कहते हैं कि गुहार लगाते-लगाते कई साल बीत गए, लेकिन पुल नहीं बन सका। सरकार हमारी समस्या पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है। अलग-अलग पार्टियों के प्रतिनिधि आते हैं लेकिन चुनाव के बाद अपना वादा भूल जाते हैं। हालांकि गांव के लोगों से उम्मीद नहीं छोड़ी है, इन्हें अभी भी नदी पर पुल बनने का इंतजार है।