इन 7 ऋषियों के स्मरण मात्र से जीवन में आती है सकारात्मकता

सनातन धर्म में प्रातःकाल के समय को बहुत महत्व दिया गया है। व्यक्ति की सुबह सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो तो उसका पूरा दिन अच्छा गुजरता है। वहीं कई वेदों और धार्मिक ग्रंथों में सप्तऋषि यानी सात ऋषियों के समूह का वर्णन मिलता है।

नई दिल्ली. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बहुत से ऐसे कार्य हैं जिन्हें प्रातःकाल करना शुभ माना जाता है। वहीं सनातन धर्म के अनुसार माना जाता है कि यदि व्यक्ति जब सुबह नींद से जागता है और उसकी सुबह सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो तो उसे पूरे दिन के कार्यों में सफलता मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसी कारण से हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रातः काल देवीदेवताओं के स्मरण या नाम लेने को शुभ माना जाता है। साथ ही आपने अपने घर की बड़े बुजुर्गों द्वारा सुबह उठकर सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को दर्शन करने के बारे में सुना होगा।

माना जाता है कि मनुष्य की हथेलियों में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और माता सरस्वती का वास होता है। ऐसे में सुबह उठकर सबसे पहले करदर्शन को महत्व दिया जाता है। उसी तरह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ‘सप्तऋषियों’ का स्मरण करना भी फलदायी माना गया है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वे सप्तऋषि…

वैदिक ग्रंथों के अनुसार सात ऋषियों का समूह सप्तऋषि कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि प्रातः काल उठकर सप्तऋषियों का नाम लेने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूरा दिन शुभ होता है। मान्यता है कि प्रलय के बाद जब-जब सृष्टि का सृष्टि की शुरुआत हुई है और इन्हीं सात ऋषियों की तपस्या, शक्ति, ज्ञान और मार्गदर्शन से संसार में सुखशांति स्थापित हुई है।

ये हैं सप्तऋषि-
मरीचि
अत्रि
अंगिरा
पुलस्त्य
पुलह
क्रतु

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