MBBS की पढ़ाई करने वाले छात्रों को मोदी सरकार का तोहफा
मेडिकल कॉलेजों में बढ़ाई गई सीटों की संख्या
भोपाल : भारत में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है. देश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को इस बात का दावा किया है कि सरकार ने देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों की सुविधा के लिए सीटों की संख्या दोगुनी से अधिक बढ़ाकर 1 लाख तक कर दी गई है.
कोरोना महामारी ने खोली चिकित्सा व्यवस्था की पोल
बता दें कि कोरोना महामारी ने देश की चिकित्सा व्यवस्था और डॉक्टरों की कमी की पोल खोलकर रख दी. महामारी के दौरान सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी के बाद पैरामेडिकल कर्मचारियों को मरीजों के इलाज के लिए तैनात किया गया था. हालांकि, महामारी में डॉक्टरों की कमी को लेकर राजनीतिक दलों और शोध संस्थानों ने भी कई सवाल उठाए. इसके साथ ही, 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले करीब 20000 छात्र फंस गए थे. इस दौरान भी उनके अभिभावकों ने भारत में मेडिकल की सीटों की संख्या में कमी और मेडिकल संस्थानों की भारी-भरकम फीस को लेकर सवाल उठाए थे.
एमबीबीएस सीटों की संख्या एक लाख
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने रविवार को कहा कि देश में चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीटों में दोगुना से ज्यादा ईजाफा करके उन्हें एक लाख तक कर दिया है. साथ ही, केंद्रीय मंत्री ने यहां स्थित भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में अगले साल से अंडर ग्रेजुएट (यूजी) एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया. मांडविया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्वाभाविक है कि देश में चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाना जरूरी है.
अस्पतालों में जल्द भरे जाएंगे डॉक्टरों के रिक्त पद
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि जिन अस्पतालों में डॉक्टरों के पद रिक्त हैं, उन्हें जल्द भरा जाएगा. इसके लिए मैंने निर्देश दे दिए हैं. मांडविया ने कहा कि देश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़े. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा एमबीबीएस की सीटें एक लाख तक बढ़ा दी गई हैं. वो भी दोगुने से अधिक हो चुकी हैं. इससे देश में ज्यादा संख्या में चिकित्सक उपलब्ध होंगे और हमारे अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों (शिक्षकों) की जो कमी होती है, वह दूर होगी.
एम्स भोपाल का निरीक्षण करने से पहले उन्होंने यहां भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं व अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया और वहां दिसंबर 1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. मांडविया ने कहा कि भारत सरकार द्वारा भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए जो बीएमएचआरसी अस्पताल बनाया गया है, उसका भी मैंने आज दौरा किया. यह अस्पताल लंबे समय से बेहतर काम नहीं कर रहा है. इसका विश्लेषण करके हमने तय किया है कि आने वाले साल में इस अस्पताल में यूजी एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा और पहले से चल रहे पीजी पाठ्यक्रम का विस्तार किया जाएगा.