बरगद की परिक्रमा के फायदे जानें
हिंदू धर्म में हर महीने ढेरों त्योहार आते हैं। कुछ बहुत बड़े हैं, तो कुछ छोटे होने के बावजूद बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। पूर्णिमा का पर्व भी ऐसा ही होता है। हर माह में 1 पूर्णिमा आती है, हर पूर्णिमा का महत्व भी अलग होता है। आज हम जिस पूर्णिमा की बात कर रहे हैं, वह वट पूर्णिमा है। वट पूर्णिमा का पर्व महिलाओं के लिए विशेष होता है। खासतौर पर , इस पर्व को महाराष्ट्र में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन बरगद के पेड़ की परिक्रमा की जाती है।
इस वर्ष वट पूर्णिमा 14 जून को पड़ रही है, इस अवसर पर हम आपको बताएंगे कि बरगद के पेड़ की परिक्रमा करने से आपको क्या लाभ हो सकते हैं। इस विषय में हमें मध्यप्रदेश छिंदवाड़ा निवासी पंडित सौरभ त्रिपाठी ने जानकारी दी है।
1बरगद के पेड़ में किन देवताओं का होता है वास?
बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवताओं का वास होता है। इस पेड़ की यदि आप परिक्रमा करती हैं तो आपको एक साथ तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
2महिलाओं को क्यों करनी चाहिए बरगद के पेड़ की परिक्रमा?
हिंदू शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि महिलाओं को बरगद के पेड़ की परिक्रमा करने पर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
3बरगद के पेड़ में होता है जीवन?
बरगद का पेड़ हमें 20 घंटे ऑक्सीजन देता है। अगर आप नियमित इसकी परिक्रमा करती है, तो इससे आपका जीवन भी बढ़ता है।
4बरगद के पेड़ की कितनी बार करनी चाहिए परिक्रमा?
बरगद के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करने का नियम शास्त्रों में बताया गया है।
5बरगद की जड़ का महत्व
बरगद के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा जी का वास होता है।
6बरगद की छाल का महत्व
बरगद के पेड़ की छाल में भगवान विष्णु जी का वास होता है।
7बरगद के तनों का महत्व
बरगद के पेड़ के तनों में भगवान शिव जी का वास होता है।
8बरगद किस ग्रह का है प्रतीक
शास्त्रों में बरगद के पेड़ को मंगल ग्रह का कारक माना गया है। अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो आपको बरगद के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए।