ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक मामले ने पकड़ा तूल, कोर्ट में चारों महिलाएं सरेंडर करेंगी सीलबंद ‘सबूत’
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का वीडियो लीक होने के मामले में आज चारों वादी महिलाएं अपना सीलबंद लिफाफा कोर्ट में सरेंडर करेंगी. वहीं ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक होने के मामले में हिन्दू पक्ष ने CBI जांच करने की मांग की है. मामले के पैरोकार विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ की मुख्य वादी राखी सिंह के अधिवक्ता ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि कोर्ट प्रॉपर्टी से छेड़छाड़ करने वाले दोषियो के ऊपर करवाई की जाए. मुख्य वादी राखी सिंह को छोड़ सभी 4 वादियों ने कोर्ट से सबूत के रूप में वीडियो और फोटो प्राप्त किया था. मगर उनके लिफाफा खोलने के पूर्व ही वीडियो लीक हो गया. विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ ने पहले ही वीडियो लीक होने की आशंका जताई थी.
वहीं अधिवक्ता शिवम गौड़ ने जिला प्रशासन से इस मामले में कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. जितेंद्र सिंह बिसेन ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है. ज्ञानवापी केस के पक्षकार एवं विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि मीडिया में जो भी वीडियो वायरल हो रहे हैं, स्पष्ट नहीं है कि ये वही वीडियो है जो कोर्ट से बन्द लिफाफों में मिले हैं. मगर यदि ये वही वीडियो है तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. कोर्ट डोमेन को इस तरह से पब्लिक प्लेटफार्म पर लाना कोर्ट की अवहेलना है.
उन्होंने कहा कि इसमे जो लोग भी शामिल हैं उनके खिलाफ दंडात्मक करवाई जरूर होनी चाहिए. इस तरह के वीडियो से देश का माहौल खराब हो सकता है. लोग आक्रोशित हो सकते हैं. ये सब कर के वर्तमान सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. वादी पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने कहा कि कोर्ट ने वादी पक्ष की चार महिलाओं को जो लिफाफे दिये थे, वो अभी तक खोले ही नहीं गए हैं. लेकिन थोड़ी ही देर में वीडियो तमाम न्यूज चैनल और सोशल प्लेटफार्म पर वायरल हो गया. इसका मतलब ये है कि ये सारे वीडियो पहले ही कट कर के रखे गए थे और एक षड्यंत्र के तहत वीडियो लीक कर दिये गए. इसके लिए मैंने डीएम साहब को पहले ही आगाह किया था.
वादी पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने कहा कि हमारी पुरी कोशिश होगी कि हम सीबीआई जांच कराए. क्योंकि हमें पूरा शक है कि वीडियो लीक जिसने भी किया है वह 16 तारीख को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मौजूद था. मेरा मानना है कि जिसने भी ये किया है उसकी मंशा ठीक नहीं है. ये सारे एविडेन्स कोर्ट की प्रॉपर्टी है. न्याय कोर्ट में होगा, रास्तों पर नहीं. ये वीडियो देखकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही हैं.