तहखाना खोलकर मस्जिद के अंदर भी होगा सर्वे, व्यवधान पर एफआईआर का आदेश
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण और कोर्ट कमिश्नर को बदलने को लेकर दायर याचिका पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। कोर्ट कमिश्नर के हटाने के विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने खारिज करते हुए मस्जिद के अंदर घुसकर सर्वे करने का आदेश दिया है।
अदालत ने जिला प्रशासन व पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि सर्वे की कार्यवाही में यदि कोई बाधा डालता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करें। अदालत ने मुख्य सचिव व डीजीपी को निर्देशित किया है कि कमीशन की कार्यवाही होने तक पूरी निगरानी करें।
मुस्लिम पक्ष को झटका, ज्ञानवापी का 17 से पहले सर्वे
अदालत ने आदेश दिया है कि कोर्ट कमिश्नर वादी विपक्षी व अन्य अन्य जरूरी लोगों के साथ मौके पर सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक प्रतिदिन सर्वे होने तक कमीशन की कार्यवाही पूर्ण कर आएंगे। उन्होंने कहा कि 17 मई से पहले या कार्यवाही पूरी कर नियत तिथि पर अदालत में रिपोर्ट पेश करेंगे।
अदालत ने जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए नाराजगी भी जताई। आदेश में कहा कि यदि मौके पर मस्जिद के अंदर प्रवेश करने के दौरान पुलिस व प्रशासन का सहयोग मिला होता तो आज सर्वे की कार्रवाई पूरी हो गई होती। अदालत ने सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन व पुलिस आयुक्त की ओर से कोई एफिडेविट नहीं देने पर नाराजगी जताई।
अदालत ने आदेश आने से पहले जहां कचहरी परिसर में भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई थी वही वादी व विपक्ष के अधिवक्ताओं वह पक्षकारों की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा के लिए पुलिस के जवानों की तैनाती भी की गई है।
बता दें कि 26 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी सहित अन्य ग्रहों की वस्तुस्थिति जानने के लिए सिविल जज ने अजय कुमार मिश्र को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए सर्वे रिपोर्ट 10 मई तक मांगा था। कोर्ट कमिश्नर ने 6 मई को सर्वे की कार्रवाई ढाई घंटे पूरी की। 7 मई को विपक्षी अंजुमन इंतजाम या मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट कमिश्नर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्हें बदलने की मांग की। जिस पर अदालत ने सुनवाई के लिए 9 मई की तिथि मुकर्रर की।