गर्मी जाने के दिन अब नहीं दूर हैं! इस साल पहले आ रहा मॉनसून, जानें- कब से होगी बारिश

नई दिल्ली. देश के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का कहर जारी है। होली के बाद से ही तापमान में तेजी से इजाफा होने के चलते इस बार जल्दी ही गर्मी और लू का कहर देखने को मिला है। लेकिन इस झुलसाती गर्मी से लोगों को जल्दी ही राहत भी मिल सकती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार मॉनसून थोड़ा पहले ही आ सकता है, जिससे दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, बंगाल समेत कई राज्यों में लोगों को राहत मिल सकेगी। मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए लंबी अवधि के अनुमान में यह बात कही गई है। पुणे स्थित आईआईटीएम की ओर से तैयार मल्टी-मॉडल एक्सटेंडेड रेंज प्रिडिक्शन सिस्टम का इस्तेमाल कर मौसम विभाग ने यह अनुमान लगाया है।

आईआईटीएम के टॉप एक्सपर्ट ने कहा, ‘5 मई से 1 जून तक का जो अनुमान लगाया गया है, उसके मुताबिक 20 मई के बाद किसी भी वक्त केरल के तटीय इलाकों में मॉनसून आ सकता है. इससे पहले 28 अप्रैल को भी जो अनुमान जारी किया गया था, उसमें केरल में 19 से 25 अप्रैल के बीच बारिश में इजाफा होने की बात कही गई थी।’ इससे साफ है कि इस साल मॉनसून हर साल की तुलना में पहले ही आ सकता है। आमतौर पर देश में मॉनसून सीजन की शुरुआत 1 जून से होती रही है, जबकि 15 से 20 जून के बीच उत्तर भारत के राज्यों में बारिश का सीजन शुरू होता है।

हालांकि दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत और पश्चिम के राज्यों में भीषण गर्मी और लू कुछ और दिनों तक चलती रहेगी। केरल में मॉनसून के आने के करीब 15 दिनों के बाद उत्तर भारत में बारिश का दौर शुरू हो सकता है। ऐसे में माना जा सकता है कि जून में मई जितनी गर्मी नहीं होगी। मौसम विभाग की ओर से 20 मई से पहले एक बार फिर अनुमान जारी किया जाएगा, जिसमें तस्वीर और साफ हो सकेगी। बता दें कि यूपी, दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी है और पारा लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के पार बना हुआ है।
इस बीच ग्लोबल वार्मिंग के कई एक्सपर्ट्स ने चिंता बढ़ाने वाला अनुमान जाहिर किया है। विशेषज्ञों ने दुनिया भर के नेताओं से ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगले पांच सालों में दुनिया 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म होने की 50:50 संभावना है। कहा गया है कि यह अस्थायी हो सकता है लेकिन तापमान में बढ़ोतरी अच्छा संकेत नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button