गेहूं का उत्पादन घटा और एक्सपोर्ट बढ़ा; आटे से ब्रेड तक पड़ सकती है महंगाई की मार; क्या कहते हैं एक्सपर्ट

देश में गर्मी का मौसम जल्दी आने के चलते गेहूं का उत्पादन उम्मीद से कम रहा है। बीते कुछ वक्त से आटे की कीमतों में इजाफा हुआ है, इसके अलावा गेहूं से बनने वाले ब्रेड, बिस्किट जैसे उत्पादों की कीमतें भी बढ़ी हैं। वहीं यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग के चलते दुनिया भर में गेहूं की सप्लाई चेन प्रभावित हुई और भारत सरकार उसका फायदा भारतीय किसानों को मिलने की बात कर रही है। सरकार ने ऐसे वक्त में एक्सपोर्ट में इजाफा करने की बात कही है। हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार को थोड़ा सावधानी बरतते हुए एक्सपोर्ट की अपर लिमिट तय करनी चाहिए।

जानकार मानते हैं कि भारत जैसे देश में खाद्यान्न का सरप्लस स्टॉक हमेशा रहना चाहिए और निजी प्लेयर्स को ज्यादा छूट नहीं मिलनी चाहिए कि वे ही बाजार की कीमतें तय करने लगें। उत्तर प्रदेश योजना आयोग के पूर्व सदस्य सुधीर पंवार ने ट्रिब्यून से बातचीत में कहा, ‘चिंता की बात यह है कि घरेलू मार्केट में कीमतें बढ़ रही हैं और सरकार के पास उसे कम करने का कोई मेकेनिज्म नहीं है। उत्पादन कम हुआ है और अगले सीजन से पहले कोई खरीद अब नहीं होगी। एक्सपोर्ट को मंजूरी देने से पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।’ कृषि मामलों के जानकार देवेंदर शर्मा कहते हैं कि बीते 4 सालों में गेहूं की कीमत में 9 फीसदी का ही इजाफा हुआ है, लेकिन आटे के दाम 42 पर्सेंट तक बढ़ गए हैं।

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