विदेशी सामान से नहीं बल्कि स्वदेशी वस्तुओं से दीपोत्सव पर घर जगमगाएं
दीपोत्सव धनतेरस से शुरू होता है। धनतेरस के बर्तन और सोना-चांदी के गहने व अन्य वस्तुओं खरीदने का महत्व होता है। बर्तन और गहनों की खरीदारी होने के कारण कसेरे और सुनारों के रोजगार को मूल आधार मिलता है।स्थानीय कारीगरों की वस्तुओं को प्राथमिकता देने के लिए सामाजिक संगठन जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
HIGHLIGHTS
- स्थानीय कारीगरों की वस्तुओं को प्राथमिकता देने संगठन चला रहे हैं जागरूकता अभियान
- महिलाओं ने लिया संकल्प स्वदेशी सामान उपयोग करेंगी इस दीपावली पर
- महिला शांति सेना की अपील दीपावली पर सजाएं देसी समान से घर
ग्वालियर। भारतीय अर्थव्यवस्था में त्योहारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इन त्योहारों में हर समाज और उनके द्वारा निर्मित्त होने वाली वस्तुओं का महत्व होता है। दीपावली का पर्व इन त्योहारों में महत्वपूर्ण है। दीपोत्सव धनतेरस से शुरू होता है। धनतेरस के बर्तन और सोना-चांदी के गहने व अन्य वस्तुओं खरीदने का महत्व होता है। बर्तन और गहनों की खरीदारी होने के कारण कसेरे और सुनारों के रोजगार को मूल आधार मिलता है।
इसी तरह कुंभकार मिट्टी के दीये और अन्य सजावट का सामान दीपावली के लिए बनाते है। वर्तमान कालखंड वैश्वकि क्रांति का युग है। इसलिए स्थानीय कारीगरों को विश्वस्तरीय कंपनियों से स्पर्धा करनी पड़ती है। दीये से लेकर साफ-सफाई में उपयोग आने वाला विदेशी कारीगरों द्वारा निर्मित्त सामान अधिक आकर्षक होता है। इसलिए विदेशी वस्तुएं ज्यादा पसंद की जाती हैं। स्थानीय कारीगरों की वस्तुओं को प्राथमिकता देने के लिए सामाजिक संगठन जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
दीपावली पर देसी सामान से घर सजाएं
महिला शांति सेना की अध्यक्ष इंद्रा मंगल ने बताया कि दीपावली के पर्व पर हमारे परंपरागत रोजगारों को प्रोत्साहित करने का एक मौका है। नगरवासियों को देसी सामान खरीदने के लिए उनकी संस्था लोगों से अनुरोध करने के साथ जागरूक करेगी, ताकि लोग दीपावली पर चाइनीज झालर व दीये न खरीदकर स्थानीय कारीगरों द्वारा निर्मित्त वस्तुओं को खरीदें। त्योहार ही भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल आधार होते हैं। मैं स्वयं भी रंग-बिरंगे दीयों की बजाय स्थानीय कुंभकारों द्वारा निर्मित्त दीयों से दीपोत्सव मनाऊंगी।
कुंभकारों निर्मित दीयों से ही दीपोस्व मनाएं
स्वदेशी जागरण मंच के मध्य भारत प्रांत की प्रमुख व विप्रा महिला मंच की अध्यक्ष डा. प्रतिभा चतुर्वेदी ने कहना है कि हर भारतीय को संकल्प लेना चाहिए कि चाइनीज सामान का बहिष्कार कर स्वदेशी दीयों, झालर, रंगोली व अन्य सामान से अपने घर को सजाएंगे और लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे। उनकी संस्था भी स्वदेशी साजो-सामान को प्रोत्साहित करने के लिए जनजागरण करेगी और दीये व रंगोली का सामान के साथ हाथ से निर्मित्त महालक्ष्मी-गणेश के पन्ने, रंगोली के रंग मिट्टी की प्रतिमाएं वितरित करेंगीं।
स्वदेशी सामान के लिए लोगाें को जागरू करूंगी
श्रीपरशुराम सर्व ब्राह्मण संघ की राष्ट्रीय महामंत्री मधु भार्गव का कहना है कि सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों पर स्वदेशी सामान को प्रोत्साहित करने के लिए काफी समय से जनजागरूकता अभियान चला रहीं हैं। गणेशोत्सव पर मिट्टी के श्रीजी वितरित करती हैं। दीपावली पर वे स्थानीय कुंभकारों द्वारा निर्मित दीये वितरित करूंगीं। साथ ही लोगों को इस बात के लिए जागरूक करूंगीं कि वे दीपावली पर घर के सजावट भी स्वदेशी सामान से ही करें।