अक्षय तृतीया पर करें ये 7 काम, अक्षय पुण्यफल की होगी प्राप्ति

नई दिल्ली: अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये पर्व हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अक्षय शब्द का अर्थ होता है ‘जिसका कभी क्षय न हो या जिसका कभी नाश न हो’। मान्यता अनुसार इस दिन किए गए शुभ कार्यों से व्यक्ति को असीम सफलता प्राप्त होने के आसार रहते हैं। इसके अलावा इस खास दिन पर सोने के गहने खरीदने की भी मान्यता है। जानिए इस दिन किन 7 कार्यों को करने से माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद, सुख-समृद्धि और वैभव आजीवन बना रहता है।

अक्षय तृतीया का महत्व: अक्षय तृतीया का दिन साल में आने वाले उन साढ़े तीन मुहूर्त में से एक है जो सबसे शुभ माने जाते हैं। इसलिए इस दिन अधिकांश शुभ कार्य किए जाते हैं। इस खास दिन पर गंगा स्नान करने का भी काफी महत्व माना जाता है। कहते हैं जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान करता है वो समस्त पापों से छुटकारा पा लेता है। साथ ही इस दिन पितरों के नाम से श्राद्ध और तर्पण करना भी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार त्रेतायुग का प्रारंभ भी इस तिथि को हुआ था। इस खास दिन पर सोने की खरीदारी भी कुछ लोग शुभ मानते हैं।

अक्षय तृतीया पर करें ये 7 काम, अक्षय पुण्यफल की होगी प्राप्ति: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से अक्षय तृतीया का महत्व जानने की इच्छा जाहिर की थी। तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें इस तिथि का महत्व बताते हुए कहा था कि ये एक परम पुण्यमयी तिथि है। भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को ऐसे 7 काम बताएं थे जो अक्षय तृतीया पर दोपहर से पहले करने से अक्षय पुण्यफल की प्राप्ति होती है। जानिए क्या हैं ये कार्य…
1. स्नान
2. जप
3. तप
4. होम (यज्ञ),
5. स्वाध्याय
6. पितृ-तर्पण
7. दानादि

प्राचीन काल में एक गरीब, सदाचारी और देवताओं में श्रद्धा रखने वाला वैश्य रहता था। उसने किसी के कहने पर अक्षय तृतीया के दिन व्रत रख गंगा में स्नान कर विधिपूर्वक देवी-देवताओं की पूजा की और दान किया। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से ही वो वैश्य अगले जन्म में कुशावती का राजा बना। इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर अपने पितरों के नाम से श्राद्ध व तर्पण करना बहुत शुभ होता है। अगर तीर्थ स्थान पर जाना संभव नहीं है तो घर पर भी ये काम कर सकते हैं। इस खास दिन पर अपने पितरों (पूर्वजों) के नाम से जौ, गेहूँ, चने, सत्तू, दही-चावल, दूध से बने पदार्थ आदि सामग्री का दान करना चाहिए।

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