कोचिंग सेंटरों में भेड़-बकरी की तरह ठूंस ठूसकर पढ़ाए जा रहे परिक्षार्थी
शहर के कोचिंग सेंटरों में जमकर मनमानी चल रही है। अधिकतर सेंटर मापदंड के अनुरूप संचालित नहीं हो रहे हैं। साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का हवाला देकर बच्चों को गुमराह करते हुए कोचिंग कराए जा रहे हैं। इसके लिए मनमाना फीस भी वसूले जा रहे है।
HIGHLIGHTS
- कोचिंग संचालन के मापदंड दरकिनार कर
- संचालित हो रहे ज्यादातर कोचिंग सेंटर
- परीक्षा पास कराने का आश्वासन देकर पढ़ाई
बिलासपुर। सेंटरों में कोचिंग के समय एक साथ 100 से 150 परिक्षार्थियों को बंद कमरे में ठूंस ठूसकर पढ़ाया जा रहा है। स्थिति ऐसी हैं कि भेड़-बकरी की तरह एक ही हाल में परिक्षार्थियों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। साफ है कि इतनी अधिक संख्या में परिक्षार्थी है कि सभी पर ध्यान भी नहीं दिए जा सकते हैं। एक तरह से प्रतियोगी परीक्षा पास कराने का आश्वासन देकर पढ़ाई के नाम पर परिक्षार्थियों के अभिभावकों को लूटने का काम इन कोचिंग सेंटर में किया जा रहा है।
सुरक्षा मापदंडों में जरा भी फीट नहीं
शहर के लगभग सभी सेंटरों में हो यह रहा है कि सबसे जरूरी मापदंड को ही दरकिनार कर दिया जा रहा है। क्योंकि जिस हाल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, वहां सुरक्षा मापदंडों में जरा भी फीट नहीं है। मापदंड के अनुसार टीचिंग हाल को हवादार, वेंटीलेशन की सुविधा साथ अतिरिक्त रूप से एक आपातकालीन द्वार भी होना चाहिए। इसके साथ ही बैठने के लिए प्रति छात्र एक वर्ग तमीटर की जगह होनी चाहिए। जबकि अधिकतर सेंटर एसी युक्त है।
ऐसे में वेंटीलेशन, खिड़की को बंद कर दिया जाता है। साथ ही आपातकालीन गेट को भी बंद कर दिया जाता है, जिससे निकासी के लिए सिर्फ एक ही द्वार रहता है। जो सामान्य घरों की तरह तीन बाई छह के होते है। जबकि हाल में एक बार में 100 से 150 बच्चों को पढ़ाए जाते हैं। पूरा हाल छात्र-छात्राओं से भरा रहता है।
ऐसी स्थिति में कुछ अपात घटना हो जाए तो एक इतनी बड़ी संख्या में परिक्षार्थियों को बाहर निकलने में समस्या तो होगी होंगे ही साथ ही कमरे में ही फंसने की पूरी आशंका हैं। जिसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते है। इसके बावजूद मापदंड को पूरा नहीं किया जा रहा है।
वैबरेंट अकादमी
इन बातों का जायजा लेने जब नईदुनिया की टीम सीएमडी चौक के पास स्थित वैबरेंट अकादमी पहुंची तो समाने से मापदंड के अनुरूप नजर आया। लेकिन जैसे ही टीम ने अंदर प्रवेश किया गया तो पता चला कि यहां भी हाल को पूरी तरह से बंद रखा गया है। और ऐसी स्थिति में ही बच्चों को पढ़ाए जा रहे है। जहां पर भी मापदंड को दरकिनार कर दिया गया।
आचार्या अकादमी
सीएमडी चौक के पास स्थित आचार्या अकादमी का हाल भी वैबरेंट अकादमी की तरह ही मिला है। वैसे तो ये सभी शहर के बड़े कोचिंग संस्थान कहलाते है, लेकिन तय नियम के तहत सेंटरों का संचालन नहीं कर रहे है। छोटी-छोटी सुरक्षा में चूक से बड़ी घटना घट सकती है, जिसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते है।
तक्षशिला अकादमी
शहर के बड़े कोचिंग संस्थान में शामिल तक्षशिला अकादमी वैसे तो बाहर से देखने में मापदंड के अनुरूप नजर आया, क्योंकि यहां पार्किंग की व्यवस्था भी दी गई है। लेकिन यहां फायर सेफ्टी को लेकर भी कुछ खास इंतजाम देखने को नहीं मिली। तक्षशिला अकादमी भी अन्य अकादमी की तरह ही तरह बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को कोचिंग देने का काम कर रहा है, पर मापदंड को पूरा करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।