बिलासपुर की 10 और 14 साल की बहनों ने कराटे में गाड़े झंडे, मेडल पर जमाया कब्ज़ा

श्रेयांशी और वैष्णवी की सफलता की कहानी केवल उनके खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन की भी कहानी है। कराते के माध्यम से इन्होंने अपने अंदर के डर को मात दी और आत्मविश्वास से भरपूर होकर अपने सपनों को साकार किया। दोनों बहनें आज न सिर्फ अपनी सफलता का आनंद ले रही हैं, बल्कि वे आगे चलकर और भी ऊंचाइयों को छूने का सपना देख रही हैं।

HIGHLIGHTS

  1. दोनों बहनों ने कम उम्र में ही कराते के क्षेत्र में अपना नाम किया रोशन
  2. न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बनाई अपनी पहचान
  3. कोच किरण के मार्गदर्शन में ये बहनें देशभर में अपनी पहचान बना रही
बिलासपुर। शहर की श्रेयांशी स्वर्णकार(10) और वैष्णवी स्वर्णकार(14) ने कम उम्र में ही कराते के क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर दिया है। महज 10 और 14 साल की उम्र में ही दोनों बहनों ने वह मुकाम हासिल किया है, जिसे करने में लोगों को सालों लग जाते हैं। श्रेयांशी और वैष्णवी ने अपनी मेहनत और समर्पण से न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है ।
 
श्रेयांशी स्वर्णकार की उपलब्धियां
 
  • 1. कांग्रेस स्पोर्ट्स टैलेंट अवार्ड – 2020
  • 2. ब्लैक बेल्ट – 2022
  • 3. मेजर ध्यानचंद पुरस्कार – 2023
  • 4. शहीद वीर नारायण सिंह पुरस्कार – 2023
मैडल्स (2019 से 2023)
 
  • – अंतरराष्ट्रीय मेडल: गोल्ड – 2, सिल्वर – 2
  • – राष्ट्रीय मेडल: गोल्ड – 6, सिल्वर – 4, ब्रान्ज – 3
  • – राज्य मेडल: गोल्ड – 6, सिल्वर – 1
  • – कुल मेडल: 24
वैष्णवी स्वर्णकार की उपलब्धियां
 
  • 1. कांग्रेस स्पोर्ट्स अवार्ड – 2020
  • 2. मेजर ध्यानचंद पुरस्कार- 2022
  • 3. ब्लैक बेल्ट – 2022
 
मेडल्स (2019 से 2023)
 
  • – अंतरराष्ट्रीय मेडल: सिल्वर – 2
  • – राष्ट्रीय मेडल: गोल्ड – 4, सिल्वर – 3, ब्रान्ज – 3
  • – स्कूल गेम्स मेडल्स: गोल्ड – 1, सिल्वर – 1
  • – राज्य मेडल्स: गोल्ड – 4, सिल्वर – 3, ब्रान्ज – 1
  • – कुल मेडल: 22
कोच किरण साहू की मेहनत का भी अहम योगदान
 
श्रेयांशी और वैष्णवी को आगे ले जाने में कोच किरण साहू का भी अहम योगदान है। किरण ने अपने पिता से प्रेरणा लेकर कराते को अपनाया और कई मेडल जीते। आज किरण अपने अनुभव का इस्तेमाल कर कई बच्चों को प्रशिक्षित भी कर रही हैं। इनमें श्रेयांशी और वैष्णवी भी शामिल हैं। किरण के मार्गदर्शन में ये बहनें देशभर में अपनी पहचान बना रही हैं और उनके कोच की मेहनत का प्रतिफल उनकी सफलता में साफ नजर आता है।

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