PF Transfer: नौकरी बदलने पर पीएफ से ना निकालें रुपये, अकाउंट ट्रांसफर है अच्छा ऑप्शन
अगर आप पीएफ अकाउंट में योगदान करते हैं, तो जॉब बदलने पर पूरी राशि निकालने से बचें। इसके बजाय पीएफ अकाउंट ट्रांसफर का विकल्प चुनें। इससे आपका फंड निरंतर बढ़ता रहेगा और आप भविष्य के लिए मोटी रकम जमा कर सकते हैं।
HIGHLIGHTS
- ईपीएफओ स्कीम से रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित फंड मिलता है।
- जॉब बदलने पर पीएफ अकाउंट ट्रांसफर करना बेहतर विकल्प है।
- पीएफ ट्रांसफर से कंपाउंड ब्याज और मोटा फंड मिलता है।
बिजनेस डेस्क, इंदौर। नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए ईपीएफओ स्कीम (EPFO) रिटायरमेंट के बाद जीने का सहारा होती है। इससे मिलने वाली एकमुश्त राशि किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने देती है। ईपीएफओ धारक को हर महीने सैलरी का 12 फीसदी पीएफ अकाउंट में जमा करना पड़ता है। कंपनी भी कर्मचारी जितना पीएफ अकाउंट में जमा करती है।
कर्मचारी काम के दौरान कई बार जॉब चेंज करते हैं। कई बार उनका पहला स्टेप पीएफ अकाउंट में जमा पैसा निकालना होता है। ऐसा करते ही उनकी पीएफ सदस्यता खत्म हो जाती है। ऐसे में सबसे अच्छा ऑप्शन यह है कि वह जॉब चेंज करने के बाद अपना पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कर लें।
आपको बता दें कि अपने अकाउंट को ट्रांसफर कर आप दोहरा लाभ कमा सकते हैं। आर्टिकल से समझते हैं कि यह लाभ कैसे मिलता है।
पीएफ अकाउंट ट्रांसफर एक अच्छा ऑप्शन
पीएफ अकाउंट को ट्रांसफर करने के बाद आपकी सदस्या बची रहती है। इससे आपको कंपाउंड ब्याज का लाभ मिलता है, जिससे आपके पास एक अच्छा राशि बन जाती है। आप 10 साल तक अपने पीएफ अकाउंट को एक्टिव रखते हैं, तो आप रिटायर होने के बाद पेंशन भी पा सकते हैं।
पीएफ अकाउंट को ट्रांसफर करने से मिलेगा मोटा फंड
उदाहरण से समझें कि मान लें कि आपकी बेसिक सैलरी 15 हजार रुपये तक है। आप और कंपनी दोनों मिलकर आपके पीएफ अकाउंट में करीब 3600 रुपये की राशि का योगदान करते हैं। आपके इस फंड पर 8.5 फीसदी का ब्याज मिलता है। यह 15 साल में 12 लाख 94 हजार रुपये हो जाएंगे।