Kajari Teej 2024: जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए आज किया जा रहा तिजड़ी माता का पूजन

इस व्रत को रखने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। व्रत के प्रभाव से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। इस व्रत में शिव-पार्वती की पूजा होती है। साथ ही शाम में कजरी तीज की कथा जरूर सुनी जाती है। इसके बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है।

HighLights

  1. इसे सतवा तीज, सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है।
  2. कजरी तीज के अवसर पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं।
  3. कहा जाता है रात में चांद दिखने के बाद व्रत पूरा होता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Kajari Teej 2024: जीवन साथी की लंबी उम्र के लिए सिंधी समाज की महिलाएं 22 अगस्त यानी आज तिजड़ी माता का पूजन करेंगी। इस अवसर पर सिंधी बाहुल्य क्षेत्र में सामूहिक पूजन के आयोजन होंगे। महिला संगठनों की भागीदारी में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

भारतीय सिंधु सभा महिला शाखा की अध्यक्ष सरिता मंगवानी एवं महामंत्री चांदनी फुंदवानी ने बताया कि युवतियां अच्छे जीवनसाथी और विवाहित महिलाएं अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं।

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अखंड सौभाग्य के लिए व्रत

  • इस त्योहार में महिलाएं एक दिन पहले मेहंदी लगवाती हैं और व्रत के दिन सूर्योदय के पहले तड़के चार बजे उठकर हल्का-फुल्का अन्न ग्रहण करती हैं।
  • शाम को महिलाएं नए वस्त्र-गहने पहनकर तैयार होती हैं और पूजा की थाली सजाकर तिजड़ी माता के सामूहिक पूजन में शामिल होती हैं। साथ ही कथा सुनती हैं।
  • इसके बाद रात में चांद दिखने पर व्रत पूरा होता है।
  • आज सिंधी समाज तिजड़ी और माहेश्वरी समाज गुरुवार को सातुड़ी तीज मनाएगा। इस अवसर पर महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं।

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सातुड़ी तीज पर सत्तू की मिठाई

इस अवसर पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। वहीं, भगवान गणेश की पूजा और शाम को चंद्रमा के निकलने पर अर्घ्य दिया जाता है। इसमें सत्तू के लड्डू के साथ विभिन्न मिठाइयां भी बनाई जाती हैं। इन्हें व्रत पूर्ण होने पर खाया जाता है। सातुड़ी तीज पर विशेषकर सत्तू से मिठाई बनाई जाती है।

कजरी तीज का व्रत हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे सतवा तीज, सातुड़ी तीज और सौंधा तीज के नाम से भी जाना जाता है।

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