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Basant Panchami 2024: पंचक के साए में मनेगी बसंत पंचमी, इस दौरान न करें ये शुभ काम

HIGHLIGHTS

  1. शतभिषा नक्षत्र में जब चंद्रदेव विचरण करते हैं तो घर में क्लेश और शारीरिक कष्ट होता है।
  2. चंद्रदेव जब रेवती नक्षत्र में गोचर करते हैं तो इस दौरान धन हानि हो सकती है।
  3. उत्तराभाद्रपद में चंद्रदेव को होने पर कर्ज की समस्या हो सकती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। वैदिक ज्योतिष हर काम शुभ मुहूर्त में देखकर किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर शुभ और अशुभ मुहूर्त तय किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ समय माना जाता है और इस साल बसंत पंचमी का त्योहार पंचक के साए में ही मनाया जाएगा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पंचक के दौरान कभी भी कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

कब हो पंचक की शुरुआत

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, 10 फरवरी दिन शनिवार की सुबह 10.02 बजे पंचक की शुरुआत हो जाएगी और यह 14 फरवरी के दिन सुबह 10.44 बजे तक रहेगा। पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

पंचक में इसलिए नहीं करते शुभ काम

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के अनुसार, जब चन्द्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में गोचर करते हैं तो इस अवधि को ही पंचक कहा जाता है। चंद्रदेव को इन सभी नक्षत्रों को पार करने में करीब 5 दिन का समय लगता है। ऐसे में हर 27 दिन के बाद 5 दिन के लिए पंचक लगता है। इसे अशुभ समय माना जाता है। इन 5 दिनों की अवधि में शादी, गृह प्रवेश जैसे काम नहीं किए जाते हैं। पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।

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नक्षत्र के अनुसार पंचक का प्रभाव

शतभिषा नक्षत्र में जब चंद्रदेव विचरण करते हैं तो घर में क्लेश और शारीरिक कष्ट होता है। वहीं चंद्रदेव जब रेवती नक्षत्र में गोचर करते हैं तो इस दौरान धन हानि हो सकती है। उत्तराभाद्रपद में चंद्रदेव को होने पर कर्ज की समस्या हो सकती है। पूर्वाभाद्रपद में रोग होने की आशंका रहती है। धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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