Naina Devi Mandir: नैनीताल के प्रतिद्ध नैना देवी मंदिर में रील बनाने पर प्रतिबंध, मर्यादित कपड़े पहनकर आने के निर्देश"/> Naina Devi Mandir: नैनीताल के प्रतिद्ध नैना देवी मंदिर में रील बनाने पर प्रतिबंध, मर्यादित कपड़े पहनकर आने के निर्देश"/>

Naina Devi Mandir: नैनीताल के प्रतिद्ध नैना देवी मंदिर में रील बनाने पर प्रतिबंध, मर्यादित कपड़े पहनकर आने के निर्देश

51 शक्तिपीठों में शामिल विश्व प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर में प्रबंधन ने रील बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि भक्त मर्यादित कपड़े पहनकर ही मंदिर आएं। वहीं कोई श्रद्धालु नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

HIGHLIGHTS

  1. नैना देवी मंदिर प्रबंधन के निर्देश
  2. मंदिर में रील बनाने पर होगी कार्रवाई
  3. जब्त किया जाएगा श्रद्धालु का मोबाइल

Naina Devi Mandir धर्म डेस्क, नैनीताल। मंदिर में रील बनाने वालों पर कड़ा एक्शन लेते हुए नैनीताल के विश्व प्रसिद्ध मां नैना देवी मंदिर में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियम का उल्लंघन करने पर मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को मर्यादित कपड़े पहनकर ही मंदिर आने को कहा है। गौरतलब है कि इससे पहले उत्तराखंड सरकार चार धामों में भी रील बनाने पर प्रतिबंध लगा चुकी है।

बता दें कि मां नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहां देशभर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। बीते दिनों एक महिला ने मंदिर परिसर में आपत्तिजनक रील बनाई थी, जो काफी वायरल हुई। मंदिर के संचालक अमर उदय ट्रस्ट प्रबंधन के प्रवक्ता शैलेंद्र मेलकानी अनुसार यह इस रील के चलते लाखों भक्तों की भावनाएं आहत हुई। इसे देखते हुए अब यहां रील बनाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है।

मर्यादित कपड़े पहनकर आने के निर्देश

शैलेंद्र मेलकानी के अनुसार प्रतिबंध के बावजूद यदि कोई श्रद्धालु रील बनाते हुए पाया जाता है तो उसका मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी। इसके साथ ही मंदिर प्रबंधन ने भक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे भारतीय संस्कृति के अनुरूप मर्यादित कपड़े पहनकर ही मंदिर आएं।

क्यों प्रसिद्ध है यह मंदिर?

बता दें कि नैना देवी मंदिर की स्थापना के साथ कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हैं। मंदिर में मां के दो नेत्र हैं, जो नैना देवी को दर्शाते हैं। यहां नैनी झील है। माना जाता है कि जब शिव सती की मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई। मान्‍यता है कि जहां पर सती के नयन गिरे थे। वहीं पर नैना देवी धाम बन गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button