Mythological Story Of Mahabharat: इस एक श्राप के कारण महिलाएं अपने पेट में कुछ नहीं छिपा सकतीं, पढ़िए पौराणिक कथा"/>

Mythological Story Of Mahabharat: इस एक श्राप के कारण महिलाएं अपने पेट में कुछ नहीं छिपा सकतीं, पढ़िए पौराणिक कथा

धर्म डेस्क, इंदौर। Mythological story Of Mahabharat: महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच लड़ा गया था। उस समय की ऐसी कई घटनाएं हैं, जो आज भी याद की जाती हैं। महाभारत काल में दिया गया एक श्राप आज भी महिलाओं को प्रभावित कर रहा है। इससे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है आइए, जानते हैं।

क्रोधित हो गए थे युधिष्ठिर

एक पौराणिक कथा में यह बताया गया है कि जब महाभारत का युद्ध खत्म हो गया था, तो माता कुंती ने कर्ण के शव को गोद में ले रखा था और रो रही थीं। ऐसा दृश्य देखकर पांडव हैरान रह गए थे और कुंती से पूछने लगे कि वह शत्रु की मृत्यु पर आंसू क्यों बहा रही हैं। तब कुंती ने कहा कि कर्ण उनका बड़ा पुत्र है।

यह सुनकर युधिष्ठिर क्रोधित हो गए और उन्होंने अपनी माता कुंती को श्राप देते हुए कहा कि आज से समस्त स्त्री जाति अपने पेट में कुछ भी छिपाकर नहीं रख सकेगी। तभी से माना जाता है कि यह श्राप महिलाओं पर अभी तक असर करता है।

ऋषि दुर्वासा ने दिया था कुंती को मंत्र

कर्ण के जन्म के बारे में एक बहुत ही रोचक कहानी महाभारत ग्रंथ में मिलती है, जिसके अनुसार, एक बार ऋषि दुर्वासा कुंती की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए। इससे वह कुंती को एक मंत्र देते हैं और कहते हैं कि इस मंत्र का जाप करके तुम जिस भी देवता का आह्वान करोगी, तुम्हें उसी देवता से पुत्र प्राप्त होगा।

तब कुंती ने इस मंत्र का परीक्षण करने के बारे में सोचा और सूर्य देव का आह्वान किया और फिर उन्होंने कर्ण को सूर्य देव के कवच और कुंडल पहने हुए प्राप्त किया। लेकिन लोक-लाज के भय से कुंती ने बालक को एक बक्से में बंद करके नदी में प्रवाहित कर दिया।

डिसक्लेमर

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