MP News: मध्य प्रदेश में विशेषज्ञों की समिति सुधारेगी वनौषधियों की गुणवत्ता
HIGHLIGHTS
- विगत वर्ष विधानसभा में भी लघु वनोपज संघ की वनौषधियों की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न उठाए गए थे।
- वनौषधि के फेल होने पर उसे नष्ट किया जाएगा या उसे संबंधित आपूर्तिकर्ता संस्था लौटाया जाएगा।
- राज्य लघु वनोपज संघ की वनौषधियों की गुणवत्ता पर मध्य प्रदेश विधानसभा में भी कई बार सवाल उठ चुके हैं।
भोपाल। आयुष विभाग सहित अन्य राज्यों को विंध्य हर्बल की वनौषधियों की आपूर्ति करने वाला लघु वनोपज संघ अब वनौषधियों की गुणवत्ता सुधारने पर काम करेगा। इसके लिए समिति गठित की जाएगी जिसमें माइक्रो बायोलाजिस्ट, केमिस्ट, बाटनिस्ट, क्वालिटी कंट्रोलर एवं मेनुफैक्चरिंग केमिस्ट रहेंगे।
लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र (एमएफपी पार्क) की सबसे बड़ी और अत्याधुनिक निर्माण इकाई में खराब एवं जिनके उपयोग की अवधि समाप्त हो गई है, उन वनौषधियों को समिति के माध्यम से नष्ट किया जाएगा। बता दें कि विगत वर्ष विधानसभा में भी लघु वनोपज संघ की वनौषधियों की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न उठाए गए थे।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वनौषधियों को नष्ट करने से पहले आंतरिक प्रयोगशाला से फेल सामग्री की पुनः मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से जांच कराई जाएगी और इसमें भी वनौषधि के फेल होने पर उसे नष्ट किया जाएगा या उसे संबंधित आपूर्तिकर्ता संस्था लौटाया जाएगा।
राज्य लघु वनोपज संघ की वनौषधियों की गुणवत्ता पर मध्य प्रदेश विधानसभा में भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। वन विभाग और आयुष विभाग ने तब स्वीकार किया था कि वनौषधियां जांच में फेल हुई और गुणवत्ता सुधारने पर लगातार काम किया जा रहा है।
शासकीय संस्थाओं को वनौषधियों की आपूर्ति के लिए अभिकर्ता होंगे नियुक्त
एमएफपी पार्क द्वारा समस्त शासकीय संस्थानों में औषधियों की आपूर्ति के लिए संस्थागत अभिकर्ता नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही आय में वृद्धि के लिए खुदरा व्यापार को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्राथमिक वनोपज समितियों के माध्यम से कच्ची जड़ी-बूटियों का अधिक से अधिक क्रय किया जाएगा।