Fire In MP Forest: चौबींस घंटे में नहीं बुझी जंगल की आग तो वनकर्मियों पर होगी कार्रवाई
HIGHLIGHTS
- इंदौर वनमंडल के अंतर्गत आने वाले जंगलो में 200 बार से ज्यादा आग लगी है।
- कुछ घटनाओं में 8 से 10 घंटे आग बुझाने में लगे हैं।
- कुछ जगहों पर चौबीस घंटे से ज्यादा तक जंगल जलने से नुकसान हुआ है।
Fire in MP Forest: इंदौर। तापमान बढ़ते ही मध्य प्रदेश के जंगलों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। बीते डेढ़ महीने में 550 से ज्यादा बार मध्य प्रदेश का जंगल सुलगा, जिसमें कई घटनाओं में आग बुझाने में वनकर्मियों को समय लग गया। साथ ही कई वनक्षेत्र में पंद्रह दिन में तीन से चार बार आग लग चुकी है।
इन घटनाओं का आकलन करने के बाद एपीसीसीएफ दिलीप कुमार ने निर्देश दिए हैं कि यदि 24 घंटे के भीतर जंगल की आग नहीं बुझाई तो वनकर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही आग लगने की घटनाओं पर प्रदेश के अलग-अलग वनमंडलों से रिपोर्ट मांगी गई है। संतोषजनक जवाब नहीं होने पर बीट प्रभारी से से लेकर डिप्टी रेंजर और रेंजर को कार्रवाई के दायरे में लिया गया है।
मध्य प्रदेश के जंगल में आग लगने की घटना की जानकारी फारेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम के माध्यम से प्रत्येक अधिकारी तक पहुंचती है। वेबसाइट पर दर्ज आकड़ों के हिसाब से 15 मार्च से लेकर 30 अप्रैल तक प्रदेश के जंगलो में आग लगने की 550 घटनाएं हो चुकी है, जिसमें इंदौर वनमंडल के अंतर्गत आने वाले जंगलो में 200 बार से ज्यादा आग लगी है। कुछ घटनाओं में 8 से 10 घंटे आग बुझाने में लगे हैं।
तो कहीं चौबीस घंटे से ज्यादा तक जंगल जलने से नुकसान हुआ है। विभाग ने वनमंडलों में हुई घटनाओं का ब्यौरा निकलवाकर जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को कार्रवाई के दायरे में लिया है। जहां वनकर्मियों की लापरवाही से आग पर काबू पाने में समय लगा वहां पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी सख्त एक्शन के दायरे में लाए गए हैं।
एपीसीसीफ दिलीप कुमार ने प्रत्येक वनकर्मी और अफसरों को कार्रवाई के दायरे में लिया है। एक बीट में दो स्थानों पर आग की घटना पर बीट प्रभारी को कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा।
जबकि एक परिक्षेत्र में 6 स्थान पर घटना दर्ज होने की स्थिति में डिप्टी रेंजर व रेंजर पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक उपवनमंडल में 8 से अधिक स्थानों पर आग लगने की घटना होती है तो एसडीओ पर कार्रवाई होगी।