Burhanpur News: शहर के चार वार्डों में फैला डायरिया, साठ बच्चों सहित सौ से ज्यादा बीमार"/>

Burhanpur News: शहर के चार वार्डों में फैला डायरिया, साठ बच्चों सहित सौ से ज्यादा बीमार

HIGHLIGHTS

  1. नागझिरी, आजाद नगर, बैरी मैदान, बुधवारा, खैराती बाजार क्षेत्र में सर्वे शुरू
  2. खराब पानी को बताया जा रहा कारण
  3. जलावर्धन योजना के पानी में ज्यादा क्लोरीन की शिकायत

 बुरहानपुर। तेज गर्मी और जल संकट के बीच शहर के चार वार्डों में डायरिया फैल गया है। जिसके चलते लोग उल्टी-दस्त से जूझ रहे हैं। गुरुवार रात से अब तक 60 से अधिक बच्चों सहित सौ से ज्यादा लोग जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं। कुछ लोग निजी अस्पतालाें में भी इलाज करा रहे हैं। शहर में डायरिया फैलने की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। उसने छह टीमें समस्या वाले वार्डों में सर्वे के लिए लगाई हैं।

ये दल लोगों को खराब पानी नहीं पीने और पानी को छान कर व उबाल कर पीने की सलाह दे रहे हैं। जिन क्षेत्रों में उल्टी-दस्त की शिकायत सामने आई है, उनमें नागझिरी, आजाद नगर, बैरी मैदान, खैराती बाजार, बुधवारा आदि शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में स्वास्थ्य विभाग ने पाया है कि खराब पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त की समस्या हुई है।

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सर्वे दलों के अनुसार इन क्षेत्रों में मीठे पानी की सप्लाई चार से पांच दिन के अंतराल में होती है। जिसके चलते लोग इतने दिन तक स्टोर किया गया पानी ही पीते रहते हैं। कुछ जगह सीवरेज सिस्टम व जलावर्धन के लिए खोदे गए गड्ढों के कारण और कुछ जगह पाइप लाइन में लीकेज आदि की वजह से नाली का गंदा पानी मिल कर घरों में पहुंच रहा है।

 

इसके अलावा इन दिनों ताप्ती जलावर्धन योजना की पाइप लाइनों की टेस्टिंग की जा रही है। जिसके चलते नलों से आ रहे पानी को पेयजल समझ कर लोग इसका उपयोग भी कर रहे हैं। बताया गया है कि इस पानी में क्लोरीन की मात्रा अधिक होने के कारण इससे तेज बदबू आती है। यही वजह है कि इस पानी को पीने के बाद सबसे ज्यादा बच्चे बीमार हो रहे हैं।

 

अस्पताल में फर्श पर लगाए गद्दे

 

जिला अस्पताल में गुरुवार रात से उल्टी-दस्त के मरीजों का तांता लगा हुआ है। जिसके चलते मेडिकल वार्ड में जगह फुल हो गए हैं। अब मरीजों को फर्श पर गद्दे डाल कर उनका इलाज किया जा रहा है। अस्पताल के सारे स्टाफ को मेडिकल व बच्चा वार्ड में लगाया गया है। हालांकि डाक्टरों का कहना है कि मरीजों का रिकवरी रेट अच्छा है। उल्टी-दस्त वाले मरीजों चौबीस घंटे में ठीक होकर डिस्चार्ज भी हो रहे हैं।

 

अब तक नहीं कराई पानी की जांच

 

शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां पानी की जांच पीएचइ विभाग नहीं कराता। यह काम नगर निगम के पास है, लेकिन शहर में डायरिया फैलने के बावजूद अब तक निगम प्रशासन ने पानी की जांच शुरू नहीं कराई है। जिससे उल्टीदस्त के सही कारणों का पता नहीं चल पा रहा है। साथ ही ऐसे पानी के उपयोग को रोका भी नहीं जा रहा है। निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने कर्मचारी भेजे हैं।

 

इनका कहना है

 

गुरुवार रात में करीब चालीस बच्चों सहित सत्तर लोग उल्टीदस्त के कारण भर्ती हुए थे। कुछ मरीज आज भी आए हैं। सभी का इलाज किया जा रहा है। मरीज ठीक हो रहे हैं।

 

– डा. प्रदीप मोजेस, सिविल सर्जन।

 

शहर के चार वार्डों में उल्टीदस्त की शिकायत सामने आने पर सर्वे दल लगाए गए हैं। लोगों को साफ पानी पीने की सलाह भी दी जा रही है। यह समस्या खराब पानी पीने के कारण उत्पन्न हुई है।

 

– रवींद्र राजपूत, जिला महामारी नियंत्रक।
 
 

 

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