Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में हर दिन ऐसे करें देवी आराधना, परिवार को जल्द मिल सकती है खुशखबरी
HIGHLIGHTS
- चैत्र नवरात्रि पर्व चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है।
- इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 8 अप्रैल को देर रात 11.50 मिनट पर हो चुकी है।
- 9 दिनों तक देवी के मंत्रों का जाप करने देवी आराधना करेंगे तो घर-परिवार में सुख शांति और समृद्धि आएगी।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि पर्व चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 8 अप्रैल को देर रात 11.50 मिनट पर हो चुकी है। ऐसे में 9 दिनों तक यदि आप हर दिन अलग-अलग देवी के मंत्रों का जाप करने देवी आराधना करेंगे तो घर-परिवार में सुख शांति और समृद्धि आएगी, वहीं परिवार में जल्द ही कोई खुशखबरी भी मिल सकती है।
चैत्र नवरात्रि तिथियां
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- प्रतिपदा तिथि व्रत 9 अप्रैल 2024 – मां शैलपुत्री की पूजा
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- द्वितीया तिथि व्रत 10 अप्रैल 2024 – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
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- तृतीया तिथि व्रत 11 अप्रैल 2024 – मां चंद्रघंटा की पूजा
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- चतुर्थी तिथि व्रत 12 अप्रैल 2024 – मां कुष्मांडा की पूजा
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- पंचमी तिथि व्रत 13 अप्रैल 2024 – मां स्कंदमाता की पूजा
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- षष्ठी तिथि व्रत 14 अप्रैल 2024 – मां कात्यायनी की पूजा
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- सप्तमी तिथि व्रत 15 अप्रैल 2024 – मां कालरात्रि की पूजा
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- अष्टमी तिथि व्रत 16 अप्रैल 2024 – मां महागौरी की पूजा, अष्टमी पूजन
- नवमी तिथि व्रत 17 अप्रैल 2024 – मां सिद्धिदात्री की पूजा, नवमी पूजन
तिथि के अनुसार इन देवी मंत्रों का करें जाप
मां शैलपुत्री के मंत्र
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
प्रार्थना मंत्र –
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
मां चंद्रघण्टा के मंत्र
ॐ देवी चंद्रघण्टायै नमः
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
मां कूष्माण्डा के मंत्र
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
मां स्कन्दमाता के मंत्र
ॐ देवी स्कन्दमात्र्यै नमः
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
मां कात्यायनी के मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कालरात्री के मंत्र
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
मां महागौरी के मंत्र
ॐ देवी महागौर्यै नमः
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
मां सिद्धिदात्री के मंत्र
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
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