Income Tax Saving Idea: टैक्स बचाने के लिए 31 मार्च से पहले इन स्कीम में करें निवेश, होगा जबरदस्त फायदा"/>

Income Tax Saving Idea: टैक्स बचाने के लिए 31 मार्च से पहले इन स्कीम में करें निवेश, होगा जबरदस्त फायदा

बिजनेस डेस्क, इंदौर। Save Income Tax: कर निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए यदि आपकी आय के ऊपर आयकर बन रहा है, तो आप इन स्कीम में निवेश करें। यह आपको आयकर की बचत का लाभ दे सकती हैं। आज इस आर्टिकल में विद्या भूषण त्यागी, चार्टर्ड अकाउंटेंट ने विस्तार से इन स्कीम के बारे बताया है।

1 यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान एक प्रकार से इंश्योरेंस पालिसी है जो लाइफ इंश्योरेंस और निवेश के लाभों को जोड़ती है। यूनिट लिंक्ड प्लान सही बाजार हो तो 12 से 15 फीसद तक रिटर्न दे सकता है, लेकिन ध्यान देने की बात है कि यूनिट्स पर गारंटी रिटर्न नहीं होती है। यूलिप पर डेढ़ लाख रुपये तक की कटौती मिलती है, आपकी टैक्सेबल इनकम में से डेढ़ लाख रुपये कम कर सके। सालाना प्रीमियम ढाई लाख रुपये तक है, तो यूलिप पर मिलने वाला डेथ बेनिफिट टैक्स फ्री होगा।

हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट

हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी किसी की भविष्य सुरक्षा के लिए लाइफ इंश्योरेंस पालिसी जितनी महत्वपूर्ण मानी जाती है। मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े। दूसरा फायदा ये है कि इनकम टैक्स की धारा 80डी के तहत टैक्स बचत कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि 80सी में डेढ़ लाख रुपये की लिमिट के अतिरिक्त 80डी की प्रीमियम में आयकर की बचत होती है। अपने आश्रितों और अपने जीवनसाथी के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 25 हजार रुपये की कटौती पा सकते हैं। आप अपने माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर भी टैक्स कटौती का क्लेम कर सकते हैं। अगर आपके माता-पिता की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है तो 50 हजार रुपये की सीमा है, जिसमें कुल कटौती 75 हजार रुपये हो जाती है।

3 टर्म लाइफ इंश्योरेंस टैक्स बेनिफिट

टर्म लाइफ़ इंश्योरेंस आपकी असामायिक मृत्यु की स्थिति में आपके प्रिय जनों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का प्रभावी तरीका है। यह टैक्स बेनिफिट भी देता है। टर्म लाइफ इंश्योरेंस से मिलने वाला डेथ बेनिफिट्स लाभार्थी के लिए टैक्स फ्री भी रहता है। आपके प्रियजनों को प्राप्त होने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। व्यक्ति भुगतान किये गये प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन भी क्लेम कर सकता है। आयकर विधान की धारा एक टी सी के तहत डेढ़ लाख रुपये की लिमिट उपलब्ध है।

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