काम की खबर: तेजपत्ता की खेती बना देगी लखपति, सिर्फ एक पौधे से हो सकती है 3000 रुपए से ज्यादा की कमाई
HIGHLIGHTS
- बाजार में तेजपत्ता की अच्छी डिमांड होने के कारण किसानों को इसका अच्छा दाम भी मिल जाता है।
- किसानों को तेजपत्ता की पैदावार के लिए बहुत अधिक लागत या मेहनत नहीं करना पड़ती है।
- ऐसे में यदि आप भी तेजपत्ता की खेती के जरिए तगड़ी कमाई कर सकते हैं।
डिजिटिल डेस्क, इंदौर। खेती किसानी में अत्याधुनिक तकनीक आने के बाद किसानों के लिए कई विकल्प खुद गए हैं और खेती से भी कई किसान अब अच्छी कमाई कर रहे हैं। कई ऐसी फसलें हैं, जिन्हें यदि व्यवस्थित तरीके से किया जाए तो किसान लाखों में कमाई कर सकता है। ऐसी ही फसलों में है शामिल है तेजपत्ता की पैदावार। तेजपत्ता हर भारतीय घर में मसाले के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
तेजपत्ता की ज्यादा है डिमांड
बाजार में तेजपत्ता की अच्छी डिमांड होने के कारण किसानों को इसका अच्छा दाम भी मिल जाता है। वहीं दूसरी ओर किसानों को तेजपत्ता की पैदावार के लिए बहुत अधिक लागत या मेहनत नहीं करना पड़ती है। ऐसे में यदि आप भी तेजपत्ता की खेती के जरिए तगड़ी कमाई कर सकते हैं।
भारत से खूब निर्यात होता है तेजपत्ता
भारत में कई पकवानों में तेजपत्ता का खूब इस्तेमाल किया जाता है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका, यूरोप जैसे देशों में भी इसे भारत से निर्यात किया जाता है। यदि आप अच्छी क्वालिटी का तेजपत्ता पैदा करते हैं तो अच्छी कमाई होने की उम्मीद रहती है।
सरकार भी देती है प्रोत्साहन
चूंकि तेजपत्ता मसालेदार पौधों की श्रेणी में आता है, इसलिए इस उत्पादन व पैदावार को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड काम करता है। बोर्ड की ओर से तेजपत्ता के खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। मसालेदार पौधों के उत्पादन के जानकार टीके पंवार के मुताबिक, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की तरफ से किसानों को 30 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है. ऐसे में फसल तैयार होने के बाद 1 पौधे से ही 3000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक की कमाई जा सकती है। इसका मतलब है कि सिर्फ 25 पौधे से ही किसान 1 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं।
भारत में इन राज्यों में खूब होती है तेजपत्ता की खेती
भारत में तेज पत्ते का ज्यादा उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र के अलावा उत्तरी पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में किया जाता है। यहां का मौसम इसकी खेती के लिए अनुकूल होता है। तेजपत्ता की खेती करने से पहले किसान को अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण जरूर करना चाहिए।