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Ram Van Gaman Path In CG: राम वनगमन पथ में 20 नए स्थल शामिल करने की तैयारी, छत्‍तीसगढ़ सरकार लेगी अंतिम फैसला

Ram Van Gaman Path In Chhattisgarh: छत्‍तीसगढ़ का पर्यटन विभाग राम वनगमन पथ में 20 नए स्थल शामिल किए जाने की तैयारी में जुट गया है। विभाग स्थलों को चिह्नित कर उनके विकास की नई कार्ययोजना तैयार कर रहा है।

HIGHLIGHTS

  1. प्राचीन स्थलों को भी योजना में शामिल करने की संभावना
  2. लोक मान्यता के स्थल भी प्राथमिकता में
  3. छत्‍तीसगढ़ सरकार लेगी अंतिम निर्णय

अभिषेक राय/रायपुर। Ram Van Gaman Path in Chhattisgarh: छत्‍तीसगढ़ का पर्यटन विभाग राम वनगमन पथ में 20 नए स्थल शामिल किए जाने की तैयारी में जुट गया है। विभाग स्थलों को चिह्नित कर उनके विकास की नई कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इन स्थलों में ज्यादातर लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। जंगलों के बीचों-बीच और नदी के किनारे स्थित प्राचीन स्थलों को भी योजना में शामिल करने की संभावना है।

 
 

पर्यटन विभाग के अनुसार पूर्व में घोषित किए गए वनगमन पथ में रायगढ़, कोरबा, धमतरी और बस्तर में कई ऐसे स्थल हैं, जिन्हें शामिल नहीं किया गया था। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश के ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थलों को चिह्नित किया जा रहा है। जंगल और नदी किनारे स्थित स्थलों को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जाएगा।

 

अभी चल रहा नौ जगहों पर काम

पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने राम वनगमन पथ से जुड़ी जगहों के साथ 75 जगहों को नए पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई थी। पहले चरण में नौ जगहों पर काम चल रहा है। इसमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरी नारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-साऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं। चंदखुरी में 30 प्रतिशत से ज्यादा कार्य पूर्ण हो चुके हैं।

 

मार्च में एजेंसियों का अनुबंध समाप्त

 

राम वनगमन पथ परियोजना का काम दो एजेंसियों द्वारा कराया जा रहा है, जिसका मार्च में अनुबंध समाप्त हो जाएगा। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोनों एजेंसियां केंद्र सरकार की हैं, जिनसे तीन वर्षों के लिए अनुबंध किया गया था। नई एजेंसियों से अनुबंध के लिए नया टेंडर जारी किया जाएगा।

परिक्रमा पथ के लिए प्रस्ताव तैयार

 

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की ओर से राजिम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जिसे जल्द ही राष्ट्रीय पुरातत्व संरक्षण संस्थान को भेजा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि राजिम मंदिर संरक्षित स्मारक है। मंदिर के तीन सौ मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण कराने से पहले राष्ट्रीय पुरातत्व संरक्षण संस्थान से अनुमति लेनी पड़ती है। विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने परिक्रमा पथ बनाने के निर्देश दिए थे।

 

पर्यटन विभाग के जनसंपर्क अधिकारी डा. अनुराधा दुबे ने कहा, राज्य सरकार के निर्देश के बाद कार्ययोजना तैयार करना शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार को 20 स्थलों की सूची भेजी जाएगी। राज्य सरकार योजना के प्रथम चरण के लिए चयनित स्थल तय करेगी।

 

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