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Lakshmi And Lord Ganesha Idol: क्या रसोईघर में लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखा सही, क्या होंगे परिणाम

वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की बहुत मान्यता है। इनको शुभ और लाभ का प्रतीक हैं। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें तो वह खुश होकर मनोकामना पूरी करते हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की बहुत मान्यता है। इनको शुभ और लाभ का प्रतीक हैं। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें तो वह खुश होकर मनोकामना पूरी करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति की दिशा सही होनी चाहिए, जिससे लाभ अधिक हो सकता है।

 

ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार से बताया कि रसोईघर में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति रख सकते हैं या नहीं।

 

एक साथ रखें लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति

धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं और माता लक्ष्मी धन की देवी हैं। ऐसे में इन दोनों की मूर्तियों को साथ में रखा जाए तो ज्ञान और धन दोनों का लाभ होता है। यह आपके सकारात्मक परिणाम लेकर आएगी।

 

 

इस दिशा में रखें मूर्ति

 

वास्तु शास्त्र की मानें तो भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियों को हमें उत्तर दिशा की ओर ही रखना चाहिए। कथा के अनुसार भगवान शिव ने गुस्से में अपने ही पुत्र गणेश का सिर काट दिया था। उसके बाद उन्हें इस बात का अंदाजा हुआ कि उन्होंने अपने पुत्र गणेश का सिर काट दिया है। उन्होंने अपने दूतों को उत्तर दिशा की ओर भेजते हुए कहा कि इस दिशा में जिसका सिर पहले मिले, उसको लेकर आ जाना। उत्तर दिशा में सबसे पहले हाथी मिला तो उसका सिर दूत लेकर आ गए, इसलिए उत्तर दिशा को मूर्ति रखने के लिए शुभ माना जाता है।

रसोईघर में रख सकते हैं मूर्ति

 

भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियों को रसोई में रखा जा सकता है। रसोई में मूर्तियों को रखने से घर में संपन्नता बढ़ती है। रसोई में कभी भी अनाज की कमी नहीं होती है। परिवार के सभी लोग रसोई में बने भोजन को खाकर स्वस्थ्य रहते हैं। मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद भी घर के सभी लोगों पर बना रहता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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