Dhanteras Muhurat, Puja Vidhi 2023: धनतेरस पर पूजा का ये है शुभ मुहूर्त, इस समय करें खरीदारी"/>

Dhanteras Muhurat, Puja Vidhi 2023: धनतेरस पर पूजा का ये है शुभ मुहूर्त, इस समय करें खरीदारी

HIGHLIGHTS

  1. धनतेरस पर इस वर्ष पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05.26 बजे से 07.22 तक रहेगा।
  2. धनतेरस पर्व पर सोना-चांदी या बर्तन खरीदना भी शुभ होता है।
  3. धनतेरस पर इस बार खरीदारी का शुभ मुहूर्त दोपहर 12.35 बजे से शुरू होगा।

धर्म डेस्क, इंदौर। Dhanteras Muhurat, Puja Vidhi 2023, हिंदू पंचांग के मुताबिक धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल धनतेरस पर्व 10 नवंबर को 11.47 बजे से शुरू होगा और इस तिथि का समापन 11 नवंबर को दिन के 1.13 बजे तक रहेगा।

धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक, धनतेरस पर इस वर्ष पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05.26 बजे से 07.22 तक रहेगा। वहीं धनतेरस पर्व पर सोना-चांदी या बर्तन खरीदना भी शुभ होता है। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि खरीदने का काम रात के समय नहीं करना चाहिए। धनतेरस पर इस बार खरीदारी का शुभ मुहूर्त दोपहर 12.35 बजे से शुरू होगा, जो अगले दिन दोपहर 01.57 तक रहेगा।

धनतेरस पर निर्मित हो रहा शुभ योग

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस बार धनतेरस पर्व पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। ग्रह दशा के मुताबिक, धनतेरस पर इस बार शुक्र ग्रह कन्या राशि में मौजूद रहेंगे। वहीं चन्द्रमा भी कन्या राशि में ही विराजमान होंगे। ऐसे में शशि योग का निर्माण हो रहा है। करीब 30 साल बाद शनि धनतेरस पर अपनी ही मूलत्रिकोण राशि कुम्भ में मार्गी रहेंगे।

धनतेरस को लेकर मत्स्य पुराण में जिक्र

धनतेरस त्योहार को लेकर मत्स्य पुराण में बताया गया है कि इस दिन झाड़ू खरीदना शुभ होता है। झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक बताया गया है। धनतेरस के दिन घर में झाड़ू लाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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