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Plant Benefits: इन चमत्कारी पौधों से आज ही कर लें ये उपाय, घर में होगा मां लक्ष्मी का आगमन

तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए। इससे आपको अपनी मेहनत का फल तुरंत मिलना शुरू हो जाएगा।

HIGHLIGHTS

  1. पीपल, तुलसी और शमी को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
  2. घर में भूलकर भी पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए।
  3. घर में शमी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Plant Benefits: सनातन धर्म में कुछ ऐसे पौधे हैं, जिन्हें बेहद पूजनीय माना जाता है। पीपल, तुलसी और शमी जैसे पौधों को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इनमें से कुछ को आप घर पर भी लगा सकते हैं, जिनका चमत्कारी असर आपको कुछ ही दिनों में अपने घर में दिखने लगेगा। ऐसे में यदि आपका जीवन परेशानियों से घिरा है और आपको अपनी मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा है, तो आपको इन पौधों के दैवीय गुणों को जरूर जानना चाहिए। आज हम आपको इन पौधों से जुड़े खास उपाय और इनका दैवीय महत्व बताने जा रहे हैं।

 

तुलसी

तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए। इससे आपको अपनी मेहनत का फल तुरंत मिलना शुरू हो जाएगा। ध्यान रखें कि मंगलवार और रविवार को तुलसी के पौधे को न छुएं।

पीपल

 
 

पीपल का पेड़ लगाने के कई फायदे बताए गए हैं। घर में भूलकर भी पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। इसे किसी खुली जगह, घर के बाहर या किसी मंदिर के पास भी लगाया जा सकता है। साथ ही जो व्यक्ति प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाता है और शनिवार के दिन उसके सामने दीपक जलाता है, उसे जीवन में कभी भी धन संबंधी परेशानी नहीं होती है।

शमी

घर में शमी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में अगर आपके घर में शमी का पेड़ है तो आपको इस पौधे की पूजा करने से शनिदेव के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होगी। शमी के पौधे की पूजा करने से जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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