Bhilai: घरवालों ने जिस बेटी को मान लिया था मृत, तीन साल पहले कर दिया था अंतिम संस्कार, वो भिलाई में मिली
Bhilai News: तीन साल पहले अपने परिवार से बिछड़ी एक युवती अब जाकर वापस मिली। कोरोना काल में युवती लापता हुई थी।
HIGHLIGHTS
- बिलासपुर जिले के तखतपुर थाना क्षेत्र से वर्ष 2020 में लापता हुई थी युवती
- सखी सेंटर दुर्ग ने युवती को तखतपुर पुलिस को सौंपा
- बेटी से मिलकर परिवार वालों के चेहरे पर आई मुस्कान
भिलाई। Bhilai News: तीन साल पहले अपने परिवार से बिछड़ी एक युवती अब जाकर वापस मिली। कोरोना काल में युवती लापता हुई थी। कुछ दिन बाद उसी की कद काठी की अधजली लाश मिलने पर परिवार वालों को लगा कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण चरम पर था। लिहाजा कोविड के दिशा निर्देशों के तहत बिलासपुर जिला प्रशासन की टीम ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया था।
इधर, वह युवती तीन साल से भिलाई में रह रही थी। भटकते हुए वह नंदिनी पुलिस के हाथ लगी। जहां से उसे सखी सेंटर दुर्ग के आश्रय गृह पहुंचाया गया। युवती की काउंसलिंग के बाद पूरी बात सामने आई। तखतपुर पुलिस को सूचना दी गई। तखतपुर पुलिस युवती की मां व चाचा के साथ दुर्ग पहुंची तो उन्हें अपनी बेटी जिंदा मिली। दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद युवती को तखतपुर वापस ले जाया गया। जहां से उसे उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया है।
पिता की मौत के बाद दुखी होकर घर से चली गई थी
तखतपुर थाना क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी एक युवती वर्ष 2020 में घर से बिना बताए डोंगरगढ़ चली गई थी। कुछ दिन पहले ही उसके पिता की मौत हुई थी। जिससे वो काफी ज्यादा दुखी थी और घर से निकल गई थी। डोंगरगढ़ जाने के बाद उसे कुछ समझ में नहीं आया तो वो भिलाई आ गई थी। उसकी मानसिक स्थिति सामान्य नहीं लग रही थी।
हाउसिंग बोर्ड निवासी एक महिला ने उसे भिलाई में भटकता हुआ देखा। कोरोना का समय था। इसलिए वो उसे अपने साथ घर ले गई। घर पर महिला के साथ उसका बेटा और बहू भी रहते थे, वो उन्हीं के साथ रहने लगी थी। इधर, तखतपुर में नांदघाट थाना क्षेत्र के खर्रा में एक युवती की अधजली लाश मिली। लाश जल चुकी थी। चेहरा पहचानने के लायक नहीं था। इसलिए कद काठी के आधार पर स्वजनों ने शव को अपनी बेटी का होना बताया।
युवती को सहारा देने वाली महिला की हुई मौत
इधर, भिलाई में रह रही युवती पर कुछ दिन पहले फिर से दुख का पहाड़ टूटा। उसे जिस महिला ने सहारा दिया था, उसकी कुछ दिन पहले मौत हो गई। महिला की मौत के बाद उसे लगा कि वो फिर से अनाथ हो गई। 30 सितंबर को वो हाउसिंग बोर्ड से निकल गई और नंदिनी की ओर पैदल चली गई।
नंदिनी थाना की डायल 112 की टीम ने उसे अकेला घूमता देखा तो उसे थाना ले गई। वहां से उसे सखी सेंटर पहुंचाया गया। जहां पर सखी सेंटर की प्रभारी अवंती साहू और काउंसलर सविता डोरले ने उसकी काउंसलिंग की। युवती ने सिलसिलेवार पूरी बात उन्हें बताई। इसके बाद सखी सेंटर प्रभारी अवंती साहू ने तखतपुर पुलिस से संपर्क किया। तखतपुर पुलिस युवती की मां और चाचा को लेकर दुर्ग पहुंची। युवती को देखते ही उसकी मां और चाचा को यकीन नहीं हुआ कि उनकी बच्ची जिंदा है।
तखतपुर थाना टीआइ सुम्मत साहू ने कहा, सखी सेंटर दुर्ग से युवती के बारे में जानकारी मिली थी। उसे बरामद करने के बाद उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया है। नांदघाट में जिस शव का अंतिम संस्कार किया गया है, उसकी जांच नांदघाट से फिर से शुरू की जाएगी।