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Vastu Tips: घर में कहां होना चाहिए पानी का स्थान, कौन-सी दिशा है सबसे अच्छी, पढ़ें वास्तु नियम

Vastu Shastra Tips: वास्तु शास्त्र जानकारों के अनुसार, पानी के बर्तन रखने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा अनुकूल है। इन दिशाओं में पानी का स्थान, टैंक या पीने का पानी रखने से घर में कोई परेशानी नहीं आती है।

HIGHLIGHTS

  1. पूर्व और उत्तर दिशा पानी के लिए अनुकूल मानी जाती है।
  2. इन दिशाओं में जल स्थान होने से घर में परेशानियां नहीं आती है।
  3. गलत दिशा में पानी का स्थान होने से धन हानि होती हैं।

Vastu Shastra Tips: वास्तु शास्त्र में पानी, आग, हवा, आकाश और पृथ्वी तत्वों के लिए अलग-अलग दिशाओं या स्थानों का जिक्र है। इन तत्वों से संबंधित चीजें भी घर पर होनी चाहिए, अन्यथा वास्तु दोष उत्पन्न होने लगते हैं। वास्तु शास्त्र जानकारों के अनुसार, पानी के बर्तन रखने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा अनुकूल है। इन दिशाओं में पानी का स्थान, टैंक या पीने का पानी रखने से घर में कोई परेशानी नहीं आती है। अन्य दिशाओं में पानी का स्थान होने से धन हानि और मानवीय समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

इन दिशाओं में नहीं रखना चाहिए पानी

दक्षिण-पूर्व दिशा को पानी का टैंक रखने के लिए उपयुक्त नहीं है। यह अग्नि की दिशा मानी जाती है। आग और पानी का मेल वास्तु दोष उत्पन्न करता है।

दक्षिण दिशा में पानी की टंकी या टैंक नहीं होना चाहिए। इससे परिवार में अशांति और आर्थिक नुकसान होता है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा में पानी का टैंक अशुभ माना जाता है। इस स्थान पर पानी रहने से घर के सदस्य बीमा पड़ने लगते हैं। पैसों का खर्ज भी बेवजह बढ़ने लगता है। ऐसे घरों में रहने वाले लोग मानसिक तनाव से पीड़ित भी हो सकते हैं।

पानी रखने का सही स्थान

 

पानी का टैंक रखने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा अच्छी मानी जाती है। इस दिशा में पानी होने से आर्थिक लाभ होता है।

उत्तर दिशा में पानी की टंकी या पीने का पानी रखने से घर में सुख-शांति बढ़ती है।

पश्चिम दिशा भी पानी वाले स्थान के लिए शुभ है। ऐसे घरों में रहने वाले लोगों के धन में वृद्धि होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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