Medical Rule; मरीजों की भर्ती के लिए क्लीनिक नहीं, अब नर्सिंग होम का पंजीयन अनिवार्य

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Medical Rule; मरीजों की भर्ती के लिए क्लीनिक नहीं, अब नर्सिंग होम का पंजीयन अनिवार्य

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। अब बगैर पंजीयन के नर्सिंग होम और क्लीनिक संचालित करने वालों पर कानूनी शिकंजा कस जाएगा। मरीजों को एडमिट करने वाले क्लीनिक केवल ओपीडी सेवाएं संचालित कर पाएंगे। जिले के समस्त निजी नर्सिंग होम एवं क्लीनिक का मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 2021 के अंतर्गत पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

क्लीनिक से नहीं कर सकते मरीज भर्ती

जबललुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजय मिश्रा ने बताया कि क्लीनिक केवल ओपीडी सेवाएं ही संचालित करेंगे। मरीज को भर्ती किया जाना नियम के विरूद्ध होगा। मरीजों को भर्ती करने के लिए नर्सिंग होम का पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

इन दस्तावेजों से होगा पंजीयन

सीएमएचओ ने बताया कि क्लीनिक के पंजीयन के लिए क्लीनिक का फ्लोर प्लान, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी बायोमेडिकल वेस्ट एनओसी में 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र, डाक्टर की डिग्री एवं रजिस्ट्रेशन, स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता एवं रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र तथा क्लीनिक की बाहर एवं अदर की फोटो अनिवार्य रूप से संलग्न करनी होगी।

पोर्टल में करना होगा अपलोड

क्लीनिक के पंजीकरण के लिए ये सभी दस्तावेज एमपी आनलाइन के एनएचएस पोर्टल में अपलोड होंगे एवं निर्धारित शुल्क जमा कर भौतिक सत्यापन के पश्चात पंजीयन स्थानीय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता। जो चिकित्सक जिस पैथी के योग्यता धारी है, उसी विधा में मरीजों का इलाज कर सकते हैं। किसी अन्य पैथी से इलाज करना नियम विरूद्ध है।

 

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