ओपीएस की मांग को लेकर बिजली कर्मियों का सामूहिक अवकाश आज, विद्युत व्यवस्था हो सकती है ठप

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ओपीएस की मांग को लेकर बिजली कर्मियों का सामूहिक अवकाश आज, विद्युत व्यवस्था हो सकती है ठप

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ओपीएस की मांग को लेकर बिजली कर्मियों का सामूहिक अवकाश आज, विद्युत व्यवस्था हो सकती है ठप

HighLights

  • प्रदेशभर में विद्युत व्यवस्था बाधित होने की आशंका
  • पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की मांग
  • श्रम न्यायालय ने हड़ताल को किया अवैध घोषित

 

रायपुर। Raipur News: छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की मांग को लेकर कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार 18 अगस्त को एकदिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।इस हड़ताल में नौ विभिन्न यूनियन,संगठनों से जुड़े प्रदेश भर के लगभग नौ हजार अधिकारी कर्मचारी अवकाश पर रहकर प्रबंधन तक अपनी बात पहुंचाएंगे। कार्यालयीन अधिकारी-कर्मचारी के साथ ही बड़ी संख्या में मैदानी अमले के सामूहिक अवकाश में शामिल होने से प्रदेशभर में बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है।

इस बीच कंपनी प्रबंधन द्वारा सामूहिक अवकाश पर रहने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का परिपत्र जारी किया गया है। परिपत्र को कर्मचारी संगठनों ने अनुचित तथा श्रम कानूनों का उल्लंघन बताया है। इससे पहले अपनी मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर बिजली कर्मी 16 जुलाई 2023 से विरोध प्रर्दशन करते हुए काली पट्टी लगाकर काम करते आ रहे हैं।

 

साथ ही 28 जुलाई 2023 को पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने की मांग को लेकर कंपनी मुख्यालय में बड़ी आमसभा कर चुके हैं।मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सामूहिक अवकाश के उपरांत भी कंपनी प्रबंधन पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के संबंध में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है, तो कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी छह सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस शासित राज्यों में यथा राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि में राज्य शासन के कर्मचारियों के साथ-साथ संबंधित राज्य की पावर कंपनियों में भी पुरानी पेंशन योजना बहाल की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य शासन के तीन लाख से अधिक कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजन पहले ही लागू कर दी है।

वहीं पावर कंपनी प्रबंधन द्वारा एनपीएस वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू ना करके कुछ मामलों में केन्द्र सरकार के निर्णयानुसार 23 दिसंबर 2003 के पूर्व विज्ञापित पदों पर नियुक्त कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है। इस तरह पावर कंपनी प्रबंधन मनमर्जी से एनपीएस वाले राज्य विद्युत कर्मियों के हितों के साथ खिलवाड़ करते हुए केंद्र और राज्य दोनों में लागू होने वाले कम लाभप्रद नियमों को ही खिचड़ी बनाकर लागू कर रहा है।

 

श्रम न्यायालय ने हड़ताल को किया अवैध घोषित

 

बिजलीकर्मियों के संगठन छत्तीसगढ़ पावर कंपनी अधिकारी-कर्मचारी ओपीएस बहाली संयुक्त मोर्चा की प्रस्तावित 18 अगस्त के सामूहिक अवकाश सत्याग्रह को अवैध घोषित कर दिया है। दरअसल श्रम न्यायालय रायपुर ने गुरूवार को जारी आदेश में कहा है कि 18 अगस्त को बिजली कर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल से जनहित प्रभावित होने की आशंका होने के कारण अवैध घोषित किया जाता है। कर्मचारी-अधिकारी किसी भी हड़ताल सत्याग्रह में शामिल न हों।

छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) एके वर्मा ने बताया कि श्रम न्यायालय एक के न्यायाधीश एसएल मात्रे के कोर्ट में फेडरेशन और सात कर्मचारी संगठनों के 18 अगस्त को सामूहिक अवकाश हड़ताल पर स्थगन देने की अपील की गई थी।

कंपनी ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक संगठन अधिनियम 1960 की धारा 167 सहपठित धारा 64 ए तहत वाद प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि प्रस्तावित हड़ताल से विद्युत आपूर्ति बाधित होगी और सामान्य जनजीवन प्रभावित होने के साथ जनसामान्य को समस्याओं से जूझना पड़ेगा। इससे अपूरणीय क्षति होने की आशंका है। श्रम न्यायालय ने मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए हड़ताल को अवैध घोषित किया है।

 

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