Gadar-2: इंदौर पहुंच सनी देओल बोले, नहीं करना चाहता था गदर-2, अब हो गई हिट

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Gadar-2: इंदौर पहुंच सनी देओल बोले, नहीं करना चाहता था गदर-2, अब हो गई हिट

HighLights

  • स्वतंत्रता दिवस पर सनी देओल अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए इंदौर आए थे।
  • सनी को खुद उम्मीद नहीं थी कि यह फिल्म इतनी हिट होगी।
  • वह नहीं चाहते कि अब सेना के जवान अपना बलिदान दें।

Gadar-2: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। यह जीवन बहुत छोटा और खूबसूरत है इसलिए यहां लड़ने से कोई फायदा नहीं है। मैं तो बस यही कहना चाहता हूं की इस जिंदगी में, इस मुल्क में, इस दुनिया में हर कोई प्रेम से रहे, मिलजुल कर रहे और यही संदेश हमने अपनी पहली फिल्म से भी दिया और गदर 2 के जरिये भी दे रहे हैं। भारत हो या पाकिस्तान किसी भी देश के लोग अब आपस में लड़ना नहीं चाहते। वह नहीं चाहते कि अब जवान बलिदान दे।

उन्होंने कहा कि सच तो यह है की पूरी दुनिया अब लड़ाई से थक चुकी है कोई भी अब युद्ध नहीं चाहता। हर किसी की यही ख्वाहिश है कि सब अमन-चेन से रहें। यह बात फिल्म अभिनेता सनी देओल ने मंगलवार को इंदौर आगमन पर मीडिया से हुई चर्चा में कही। वे अपनी फिल्म गदर 2 के प्रमोशन के लिए इंदौर आए थे। इंदौर में उन्होंने अपने प्रशंसकों से भी मुलाकात की और शहर के निजी स्कूल में भी स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया।

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अभिनेता सन्नी देओल अपनी फिल्म ग़दर-2 के प्रमोशन के लिए मंगलवार को इंदौर आए।

 

सनी देओल ने बताया कि वे यह फिल्म नहीं बनाना चाहते थे क्योंकि पहले बनी गदर के साथ में कोई छेड़छाड़ नहीं करना चाहते थे। वह नहीं चाहते थे कि मूल कहानी और उसका संदेश किसी प्रकार से भी खराब हो लेकिन कोविड के दौरान जब फिल्म निर्माण को लेकर चर्चा हुई तब इस कहानी पर सहमति बनी।

वे कहते हैं कि मुझे खुद उम्मीद नहीं थी कि यह फिल्म इतनी हिट होगी। जहां तक बात भारत-पाकिस्तान के रिश्ते की है तो दोनों ही देशों के लोग आपस में लड़ना नहीं चाहते क्योंकि आखिरकार भारत और पाकिस्तान हे तो एक ही मिट्टी। बंटवारा क्यों हुआ इसकी क्या वजह रही या अलग विषय हो सकता है लेकिन हकीकत यही है कि दोनों देश की मिट्टी एक ही है।

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शहर के एक सिनेमाहाल में पहुंचे सनी देओल ने दर्शकों के साथ सेल्फी ली। -सौजन्य
अच्छा इंसान कभी नहीं हारता, हां यह जरूर है कि वह थोड़ा परेशान जरूर होता है। जीतने में वक्त लगता है लेकिन जीत ही जाता है। जितना प्यार हमें इस देश से मिल रहा है, उतना ही बाहर भी मिला। कलाकार किसी एक का नहीं होता, उसे सभी प्यार करते हैं और वह सभी का होता है।

 

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