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Jaipur Mayor Munesh Gurjar: पति की रिश्वतखोरी पड़ी भारी, छीनी गई जयपुर मेयर मुनेश गुर्जर की कुर्सी

मुनेश गुर्जर ने 10 नवंबर 2020 को मेयर का पदभार संभाला था। शुरू से उनके काम में पति का दखल अधिक रहा।

HighLights

  • कांग्रेस से जुड़ी हैं हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर
  • पिछले दिनों मंत्री खाचरियावास के खिलाफ दिया था बयान
  • नगर निगम में भी अपने धरना प्रदर्शन से चर्चा में आई थीं
जयपुर (Jaipur Mayor Munesh Gurjar)। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Govt) ने जयपुर मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटा दिया है। मुनेश गुर्जर (Munesh Gurjar) के पति सुशील गुर्जर और उनके पीए को 2 लाख रुपए की रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पूरे प्रकरण में मेयर मुनेश गुर्जर सीधे तौर पर लिप्त नहीं थीं, लेकिन कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की नाराजगी भारी पड़ी है।

 

प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुनेश गुर्जर को मेयर बनाने में सपोर्ट किया था, लेकिन रिश्वत कांड सामने आने के बाद से मंत्री नाराज चल रहे थे। रिश्तों कांड के सिलसिले में पिछले दिनों ACB ने मेयर के घर पर छापा भी मारा था। पूरे प्रकरण में प्रताप सिंह खाचरियावास के बयानों से साफ लग रहा था कि मुनेश गुर्जर की कुर्सी खतरे में है।

 

मेयर के काम मे था पति का दखल

बता दें, मुनेश गुर्जर ने 10 नवंबर 2020 को मेयर का पदभार संभाला था। उसके बाद से ही उनके पति सुशील सक्रिय हो गए थे। मेयर दफ्तर की फाइलों को उन्हें खुद देखना शुरू कर दिया था। बार-बार की शिकायत के बाद सरकार की नजर थी।

 

यही कारण है कि खाचरियावास की मुनेश के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई थी, जबकि पहले दोनों के संबंध काभी मधुर थे।
बहरहाल, मुनेश गुर्जर की बर्खास्तगी को राजस्थान चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। गहलोत सरकार संदेश देना चाहती है कि वह भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं करेगी।

 

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