उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय की पीएचडी इन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा-2022 निरस्त

Vikram University Ujjain: कुलसचिव ने जारी किया आदेश, खामियाजा उन नौ विद्यार्थियों को भी भुगतना पड़ा जिनकी ओएमआर शीट में काट-छांट नहीं हुई।

Vikram University Ujjain: उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय ने अंतत: गत वर्ष ली इंजीनियरिंग विषय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा-2022 ही निरस्त कर दी। कुलसचिव डा. प्रज्ज्वल खरे ने गुरुवार देर शाम आदेश जारी किया। जबकि पिछले महीने कार्य परिषद ने उन सभी 12 विद्यार्थियों का प्रवेश निरस्त करने का प्रस्ताव अनुमोदित किया था जिनकी ओएमआर शीट में काट-छांट कर अनुत्तीर्ण को उत्तीर्ण दर्शाया था। शर्त ये रखी थी कि कार्रवाई विधिक राय लेकर की जाए। परीक्षा निरस्त किए जाने से उत्तीर्ण हुए शेष नौ उन विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट मंडरा गया है, जिनकी ओएमआर शीट में काट-छांट नहीं हुई थी।

ओएमआर शीट में छेड़छाड़ पर केस दर्ज

 

मालूम हो कि विक्रम विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा-2022 की ओएमआर शीट में काट-छांट कर अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को उत्तीर्ण दर्शाने की शिकायत पर पिछले महीने 21 जून को उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन कुलसचिव डा. प्रशांत पुराणिक, सहायक कुलसचिव वीरेन्द्र उचवारे, प्रोफेसर गणपत सिंह अहिरवार, पीके वर्मा और वायएस ठाकुर के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, ओएमआर शीट में छेड़छाड़ करने जैसी धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था।

नाम छुपा लिए थे

नौ दिन बाद विक्रम विवि की कार्य परिषद ने उन सभी 12 विद्यार्थियों का प्रवेश निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया, जिनकी ओएमआर शीट में काट-छांट की गई थी। चौंकाने वाली बात यह रही कि प्रस्ताव में विद्यार्थियों के नाम की जगह केवल रोल नंबर अंकित किए थे। नाम छुपा लिए गए थे। ‘नईदुनिया’ ने इन रोल नंबर का मिलान विक्रम विश्वविद्यालय की विभागीय जांच समिति द्वारा प्रवेश निरस्त करने के लिए तैयार सूची से किया तो दो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पहली, ये कि एक विद्यार्थी (गौरव कुमार शर्मा) का रोल नंबर 220881 हटाकर एक फर्जी रोल नंबर 220841 प्रस्ताव में जोड़ दिया गया था।

दूसरा, ये कि प्रस्ताव में एक रोल नंबर (220042) भाजपा नगर अध्यक्ष विवेक जोशी की पत्नी शिल्पा जोशी का भी था, जिसे गोपनीय बनाए रखने में विश्वविद्यालय ने हर संभव कोशिश की। इस बीच विश्वविद्यालय के कुलसचिव बदले। डा. प्रशांत पुराणिक की जगह डा. प्रज्ज्वल खरे ने कुलसचिव पद संभाला। इसी दरमियान लोकायुक्त पुलिस ने प्रकरण में आरोपितों की संख्या पांच से बढ़ाकर आठ कर दी है।

लोकायुक्त जांच जारी

12 में से तीन (गौरव कुमार शर्मा, अमित मरमट और अंशुमा पटेल) उन विद्यार्थियों पर एफआइआर दर्ज की, जिनकी ओएमआर शीट में काट-छांट की गई थी। दो दिन पहले विश्वविद्यालय ने डा. प्रशांत पुराणिक को राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम संयोजक पद से भी कार्य मुक्त कर दिया। पूरे प्रकरण में अब स्थिति यह है कि लोकायुक्त जांच जारी है और विश्वविद्यालय की ओर से फिलहाल इस प्रकरण में विभागीय कार्रवाई करने को ना कोई नई जांच समिति बनाई गई है और न किसी का निलंबन, निष्कासन का पत्र तैयार किया है। प्रबुद्धजनों का कहना है कि लोकायुक्त की ओर से कोर्ट में चालान प्रस्तुत होने पर विभागीय कार्रवाई होगी।

कुलपति के आदेश अनुरूप विधिक राय लेकर विश्वविद्यालय द्वारा 6 मार्च 2022 को हुई समस्त अभियांत्रिकी यानी इंजीनियरिंग विषयों की पीएचडी प्रवेश परीक्षा निरस्त की है। आदेश जारी कर दिया है। – डा. प्रज्ज्वल खरे, कुलसचिव, विक्रम विश्वविद्यालय

इस वर्ष पीएचडी परीक्षा कराने का प्रस्ताव सप्ताहभर से धूल खा रहा

 

इस वर्ष विक्रम विवि की पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराने का प्रस्ताव सप्ताहभर से कुलपति और कुलसचिव की टेबल पर धूल खा रहा है। प्रस्ताव, प्रवेश परीक्षा अक्टूबर में कराने का है। मगर इस पर निर्णय नहीं लिया जा रहा। जानकारों के अनुसार प्रवेश के लिए 335 सीटों का निर्धारण किया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस वर्ष परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाएगी। मूल्यांकन मैनुअली न कराकर मशीन के जरिये कराया जाएगा। गत वर्ष 422 सीटों पर दाखिले के लिए चयन परीक्षा 6 मार्च को करवा ली थी। तब 28 फरवरी तक परीक्षा आवेदन फार्म जमा करवाए गए थे। मूल्यांकन मैनुअली कराया था।

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