Anuradha Nakshatra: आज बनेगा अनुराधा नक्षत्र का शुभ योग, इस मुहूर्त में करें मौलश्री पेड़ की पूजा, जानें महत्व

Anuradha Nakshatra अनुराधा नक्षत्र के दौरान शुभ मुहूर्त में पूजा करने से लाभ की प्राप्ति होती है।

Anuradha Nakshatra। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। आज शुक्रवार का दिन इसलिए बेहद खास है, क्योंकि आज अनुराधा नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस नक्षत्र में किए उपायों से देवी लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। साथ ही जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है।

अनुराधा नक्षत्र का योग

 

हिंदू पंचांग के मुताबिक, 28 जुलाई 2023 को सावन (अधिक मास) के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। आज दशमी तिथि दोपहर में 2:52 बजे तक रहेगी और इससे पहले 11:56 तक शुक्ल योग रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग लग जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आज रात 12:55 तक अनुराधा नक्षत्र भी रहेगा, इस दौरान देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहिए।

जानें क्या है अनुराधा नक्षत्र का महत्व

 

हिंदू ज्योतिष में अनुराधा का वास्तविक अर्थ सफलता पाने से होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस नक्षत्र में विधि-विधान के साथ यदि देवी लक्ष्मी की आराधना की जाती है तो जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अनुराधा नक्षत्र को शुभ सात्विक पुरुष नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में किए पूजा, पाठ, व्रत, उपाय, यात्रा, आयोजन, खरीदारी सभी सफल होते हैं।

अनुराधा नक्षत्र में करें ये उपाय

 

यदि किसी जातक को व्यापार में लाभ नहीं हो रहा है और कारोबार में लाभ नहीं मिल रहा है तो शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें। अनुराधा नक्षत्र के दौरान शुभ मुहूर्त में पूजा करने से लाभ की प्राप्ति होती है। पूजा के दौरान लाल रेशमी कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और सफेद फूलों की माला, सफेद मिठाई अर्पित कर पूजा करें। पूजा के बाद गरीब और जरूरतमंदों को अन्न, भोजन, वस्त्र आदि का दान कर सकते हैं। शुभ मुहूर्त में मौलीश्री पेड़ की पूजा करने से देवी लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती है। यदि आसपास मौलश्री पेड़ न हो तो आप इस पेड़ की तस्वीर लगाकर भी पूजा कर सकते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 

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