Hariyali Teej Kab Hai: अखंड सौभाग्य के लिए जरूर करें हरियाली तीज व्रत, भगवान शिव और मां पार्वती से जुड़ा है महत्व

हिंदू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन किया जाता है। विवाहित महिलाओं और कुंवारी युवतियों के लिए यह व्रत काफी शुभ माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने मां पार्वती की तपस्या को स्वीकार किया था।

HIGHLIGHTS

  1. 7 अगस्त को मनाई जाएगी हरियाली तीज
  2. इस दिन हरे या लाल कपड़े पहनना चाहिए
  3. हरियाली तीज की कथा का भी है महत्व

धर्म डेस्क, इंदौर (Hariyali Teej Kab Hai)। महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में से हरियाली तीज प्रमुख है। महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ इन व्रत को रखती है, जबकि कुंवारी युवतियां जल्द विवाह के लिए यह व्रत रखती है। मान्‍यता है कि इस व्रत से विवाह के जल्‍द योग बनते हैं। सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाई जाती है। यहां आपको बताते हैं, इस बार हरियाली तीज कब और इसकी क्या पूजा विधि है।

कब है हरियाली तीज

हिंदू कालगणना के अनुसार, सावन माह के शुक्‍ल की तिथि की शुरुआत 6 अगस्त यानी शुक्रवार को होगी। यह तिथि रात 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 7 अगस्त (शनिवार) को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व बताया गया है, ऐसे में हरियाली तीज 7 अगस्त को मनाई जाएगी।

 

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क्या है पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठें और व्रत का संकल्प लें।
  • स्नानादि से निवृत होकर हरे कपड़े पहनें।
  • मंदिर की सफाई कर पीला कपड़ा बिछाएं।
  • भगवान शिव और मां पार्वती की स्थापना करें।
  • अब विधि अनुसार भगवान का पूजन करें।
  • अंत में आरती कर पूजा का समापन करें।

इस दौरान हरियाली तीज की कथा पढ़ने और सुनने का भी विशेष महत्‍व बताया गया है।

इन बातों पर दें ध्‍यान

  • व्रत के दौरान दिन के समय न सोएं।
  • तामसिक चीजों का सेवन न करें।
  • व्रत से एक दिन पूर्व मेहंदी लगाएं।
  • इस दिन किसी का अपमान न करें।

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क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज

हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूम में पाने के लिए कठोर तप किया था। भगवान शिव ने माता पावर्ती की तपस्‍या को सावन माह के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को स्वीकार किया था। इसके बाद से ही महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना और कुंवारी युवतियां जल्‍द विवाद के लिए यह व्रत रखती हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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