Raipur: इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट, फेक न्यूज व अफवाह फैलाने वालों पर नजर

रायपुर
आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इंटरनेट मीडिया में फेक न्यूज, आपत्तिजनक पोस्ट और अफवाह फैलाने वालों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी। पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।
विशेष टीम रख रही निगरानी
फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सहित अन्य इंटरनेट साइट्स पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर नजर रखने के लिए एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की विशेष टीम बनाई गई है। लगभग छह महीने में इस तरह के पांच सौ से ज्यादा पोस्ट हटवाए गए हैं। इनकी आइडी ब्लाक करने के साथ ही संबंधितों पर कार्रवाई भी की जा रही है।

 

विशेष टीम रख रही निगरानी

फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सहित अन्य इंटरनेट साइट्स पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर नजर रखने के लिए एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की विशेष टीम बनाई गई है। लगभग छह महीने में इस तरह के पांच सौ से ज्यादा पोस्ट हटवाए गए हैं। इनकी आइडी ब्लाक करने के साथ ही संबंधितों पर कार्रवाई भी की जा रही है।

 

इन टूल किट से निगरानी

इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखने के लिए 25 से ज्यादा टूल किट्स और साफ्टवेयर हैं। इनमें टेलविंड, यूनियन मैट्रिक्स आडियंस कनेक्ट, सोशल मैशन, टाकवाकर खाडर सोशल, ब्रांडवाच की हाल, की-वर्ड, डिजीमाइड आदि शामिल हैं।

 

इन बातों का रखें ध्यान

साइबर क्राइम यूनिट इंटरनेट मीडिया पर धार्मिक पोस्ट, जातिगत पोस्ट, राजनीतिक पोस्ट और जनप्रतिनिधियों के नाम से अपलोड किए गए पोस्ट पर कार्रवाई कर रही है। पुलिस इस तरह के पोस्ट को फारवर्ड करने और कमेंट करने को भी संज्ञान में ले रही है।

 

एक्सपर्ट व्यू

साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि निगरानी के लिए इंटरनेट मीडिया में कई टूल हैं, लेकिन पुलिस ज्यादातर सामान्य टूल का उपयोग करती है। इंटरनेट मीडिया में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले प्लेटफार्म फेसबुक, टि्वटर और इंस्टाग्राम हैं। इनकी निगरानी पुलिस हैशटैग और की-वर्ड के माध्यम से करती है। किसी संदेश को फैलाने के लिए संदेही की-वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। इन्हीं की-वर्ड के सहारे वो शिकंजे में आते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को इंटरनेट मीडिया मानिटरिंग का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि आपत्तिजनक पोस्ट की सूचना देने वालों की गोपनीयता बनाए रखें। इसके लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो संदिग्ध अकाउंट पर 24 घंटे नजर बनाए हुए है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

निगरानी सेल तीन पाली में काम कर रही है। उल्लेखनीय है कि चुनाव के समय अफवाह और फेक न्यूज का चलन बढ़ जाता है। ऐसे में तनाव बढ़ता है और कानून व्यवस्था बिगड़ जाती है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय ने यह निर्देश दिया है।

 

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